*आम बजट को सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने नकारा। हर खबर पर पैनी नजर।*

संजीव मिश्रा

भागलपुर:- शनिवार को मोदी सरकार द्वारा पारित आम बजट को वामपंथियों ने ढकोसला करार दिया है,साथ ही तंज कसा। भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए कुछ नहीं है। केंद्र सरकार सिर्फ पूंजीपतियों को रियायत दी है। इस सरकार की अर्थनीति न सिर्फ देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद करेगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगी। यह सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बाजार और मुनाफाखोरों के हाथ में गिरवी रख देना चाहती है। सत्यनारायण सिंह ने कहा कि फिजूल की योजनाओं स्मार्ट सिटी, बुलेट ट्रेन आदि पर देश के सीमित संसाधनों को लुटाया जा रहा है। बैंकिंग व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। भारतीय जीवन बीमा को स्टॉक मार्केट के रास्ते निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। भाकपा के राज्य सचिव ने कहा कि भारत के वित्त मंत्री स्वयं स्वीकार कर रही हैं की कर की राशि कम पड़ रही है। और वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। इस वजह से छोटे और मझोले किसान खेती बाड़ी से बाहर हो जाएंगे।
उधर माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि बजट में पूरी तरह से निजी करण को बढ़ावा दिया जा रहा है। एलआईसी को बेचने का फैसला लिया जा रहा है। बजट में रोजगार जैसे ज्वलंत सवाल पर कोई चर्चा नहीं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कृषि क्षेत्र के लिए भी कोई योजना नहीं है।

बजट में रेलवे को भी बेचने की बात की गई है। यह बजट पूरी तरह से जनविरोधी है। इससे गरीबों की परेशानी बढ़ेगी। वहीं राजद के कद्दावर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बजट में कोई नई बात नहीं है। किसानों से लेकर आम लोगों तक के लिए बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई जिससे उन्हें फायदा मिले। कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने बजट को बेहद निराशाजनक बताते हुए कहा इस बजट से आम लोगों को फायदा नहीं मिलने वाला है। बजट पर बिहार की निगाहें टिकी हुई थी। लेकिन बजट में ना तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला और नहीं विशेष पैकेज। वही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बजट को बेहद ही संतुलित व आमलोगों को फायदा पहुचाने वाला बताया। वहीं भागलपुर के युवा उपमेयर राजेश बर्मा ने बजट को बिल्कुल सही बताया ।

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