*त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन कर संयुक्त रूप से किया। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज….

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- जिले के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय  ताजपुर रोड स्थित सेवाकेंद्र शिव शक्ति भवन के द्वारा 85वां त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। जिसका उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन द्वारा बिहार ब्रह्माकुमारीज़ निदेशिका राजयोगिनी रानी दीदी, रविंद्र नाथ त्रिपाठी, फैमिली जज, सहरसा, दशरथ मिश्र, एडीजे, डी० के० श्रीवास्तव एम०डी० सुधा डेयरी व उद्योगपति रामगोपाल सुरेका ने संयुक्त रूप से किया।

इस समारोह को संबोधित करते हुए राजयोगिनी रानी दीदी ने कहा कि शिवजयंती सर्व पर्वों में महानतम पर्व है क्योंकि यह पर्व स्वयं परमात्मा शिव के इस धरा पर दिव्य अवतरण का यादगार है। वहीं परमात्मा शिव कलियुग की अज्ञानता की रात्रि में अवतरित होते हैं और ज्ञान प्रकाश से हमारे जीवन में व्याप्त अज्ञानता, दुःख-अशान्ति के अंधकार को सदा काल के लिए मिटाते हैं।

इसलिए कहा गया है- ज्ञान सूर्य प्रगटा, अज्ञान अंधेर विनाश। परमात्मा का यह कार्य अभी चल रहा है और वर्तमान हीरे-तुल्य समय का लाभ लेकर हम अपना जीवन हीरे तुल्य देव-समान बना सकते हैं। राजयोग मेडिटेशन एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा हम परमात्मा से अपना संबंध जोड़ते हैं और हमारा जीवन सुख-शान्ति से भरपूर हो जाता है। उन्होंने अपने संभाषण के अंत में मेडिटेशन द्वारा सभी को गहन शान्ति का अनुभव कराया।

वहीं सहरसा से आए फैमिली जज रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने ईश्वरीय ज्ञान के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस ज्ञान से हमारे जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आता है। हमारे सोचने का तरीका, हमारे व्यवहार-वाणी में आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक परिवर्तन आता है। हमारी खुशी बढ़ती है और जीवन से तनाव समाप्त होता जाता है।

वहीं एडीजे दशरथ मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि राजयोग दवा की तरह काम करता है। इससे मन और तन की बीमारियों का निवारण किया जा सकता है। यह संस्थान राजयोग की विद्या सिखाकर लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भागीरथ प्रयास कर रहा है, जो काफी सराहनीय है। इस समारोह को रामगोपाल सुरेका ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण सविता बहन ने किया। संचालन कृष्ण भाई ने किया।

राजयोगिनी रानी दीदी ने शिव ध्वजारोहण कर सभी से आत्म-उन्नति के शुभ संकल्प करवाए। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया। उपस्थित लोगों ने महोत्सव का भरपूर आनंद लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिवकुमार अग्रवाल, सतीश चांदना, रमेश चांदना, डॉ० दशरथ तिवारी, राकेश माटा, गोपाल कृष्ण दुआ, विजय भाई, सुशील भाई आदि उपस्थित थे।

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