रमेश शंकर झा
पटना:- कोरोना वायरस से सुरक्षा एवं बचाव पर आयोजित प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में केंद्र, राज्य सरकार के सामूहिक प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय राज्यों ने भी अपनी जिम्मेवारी का बेहतर ढंग से निवर्हन किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यो, लॉकडाउन के दौरान छूट में किये जा रहे रोजगार सृजन के कार्यों एवं कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति के साथ-साथ तथा भविष्य की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई।
वहीँ मुख्यमंत्री नीतीश कमार ने अपने संबोधन में सभी लोगों का स्वागत करते हुये कहा कि आज की इस चर्चा में बहुत सारी बातें सामने आयी हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के संबंध में हम आप सभी को जानकारी देना चाहते हैं कि देश के अन्य हिस्सों से एवं विदेशों से आने वाले लोगों के कारण बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 700 से ज्यादा हो गयी है। अभी भी लोग बाहर से आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 4 मई से 10 मई के बीच 1 लाख से ज्यादा लोग आये हैं। उनमें 1,900 लोगों की रैडम टेस्टिंग करायी गयी है। जिसमें 148 लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, छात्रों जरूरतमंदों को ट्रेनों से लाने की अनुमति देने के लिये मैं केन्द्र सरकार को धन्यवाद देता हूँ। दूर से आने के लिये यही सबसे सहज माध्यम था। इससे लोगों को आने में सहूलियत हुयी है। उन्होंने कहा कि 10 मई से 96 ट्रेनें आयी हैं, जिसके माध्यम से 1 लाख 14 हजार लोग राज्य में आये हैं।
अगले 7 दिनों में 179 ट्रेनें और आने वाली है, जिससे ढाई लाख लोगों के आने की संभावना है। जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार और प्रवासी मजदूर बिहार आना चाहते हैं। उन सभी के लिये भी और ट्रेनों की संख्या बढ़ायी जाय। साथ ही नजदीक के लोगों को बसों से भी लाने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर बिहार आना चाह रहे हैं, उन्हें 7-8 दिनों के अंदर पहुँचाने की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। इसे ध्यान में रखते हये बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिये पहले से जितनी टेस्टिंग करायी जा रही थी, उसकी क्षमता और बढ़ा रहे हैं। अभी एक दिन में 1,800 सैंपलिंग की जा रही है। जिसे बढ़ाकर 10 हजार करना चाह रहे हैं। इसके लिये आर0टी0पी0सी0आर0 मशीन ऑटोमेटिक आर०एन०ए० एसट्रैक्सन्स तथा आर०टी०पी०सी०आर० मशीन में प्रयोग किये जाने वाले किट्स के उपलब्ध कराने की जो मांग की गयी है, उसकी जल्द से जल्द आपूर्ति करायी जाय।
राज्य के लिये कम से कम 100 वेंटीलेटर की भी मॉग की गयी है, इसकी भी जल्द से जल्द आपूर्ति की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अभी तक जितने लोग बाहर से आये हैं, उनके लिये
प्रखण्ड स्तर, पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाये गए हैं, जहाँ गुणवत्तापूर्ण ससमय भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा के साथ-साथ मच्छरदानी, दरी, बिछावन, कपड़े एवं बर्तन की
व्यवस्था की गयी है। क्वारंटाइन सेंटरों पर लोगों को 14 दिनों तक रहने के बाद ही उन्हें घर
जाने की अनुमति दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के संबंध में जो भी निर्णय लिया जायेगा,
उससे हमलोग सहमत है लेकिन हमलोगों का सुझाव है कि लॉकडाउन को इस माह के अंत तक रखा जाय ताकि बिहार में जितने लोग आ रहे हैं, उन्हें संभालने में सहूलियत हो। बाहर से आने वाले लोगों में संदिग्ध संक्रमितों की पहचान हो सके और दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पहले से ही लॉकडाउन के दौरान कुछ कार्यों के लिये छूट दी गयी है और रोजगार सृजन के कार्य भी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारी केन्द्रीय कैबिनेट सचिव के निरंतर सम्पर्क में है और राज्य की परिस्थिति से नियमित रूप से अवगत करा रहे हैं।