*रमजान की आमद है रहमतें बरसाने वाला महीना, आओ आज सब खताओं की माफ़ी मांग लें, दर-ए-तौबा खुला है इस महीने में। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर:- रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है। इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में रमजान मनाया जाता है। इसे मौसम-ए-बहार या नेकियों का महीना नाम से भी जाना जाता है। रोजे को अरबी में सोम कहते हैं। जिसका मतलब है रोकना। रोजा यानि तमाम बुराइयों से परहेज करना। रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा जाता है। दस दिन के पहले भाग को रहमतों का दौर बताया गया है। साथ ही दस दिन के दूसरे भाग को माफी का दौर कहा जाता है।

इसके अलावा दस दिन के तीसरे भाग को जहन्नुम से बचाने का दौर पुकारा जाता है। जिले के उजियारपुर प्रखंड के महेशपट्टी निवासी जिला राजद सचिव मो० परवेज आलम के सात वर्षीय पुत्र सफयान आलम ने रोजा रखा है। सफयान के अब्बू परवेज आलम ने बताया कि रोजा रखने को लेकर वह काफी उत्साहित था। उसने जब रोजा रखने की बात कही तो हमने हां कर दिया। इस आशय की जानकारी राकेश कुमार ठाकुर के द्वारा प्रेस को मिला।

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