वंदना झा
पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे उपायों एवं राज्य के बाहर से आ रहे इच्छुक लोगों की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी राज्यों के साथ आवश्यक समन्वय बनाया जाय ताकि बिहार आने वाले इच्छुक लोगों को कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों को जिला मुख्यालय एवं संबंधित प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर पर भेजने के लिये उपलब्ध कराये जा रहे वाहनों को सेनिटाइज कराये एवं उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
सभी प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर एवं पंचायत स्तरीय स्कूल क्वारंटाइन सेंटर पर भोजन,आवासन,चिकित्सकीय सुविधा आदि की गुणवतापूर्ण व्यवस्था रखें, शौचालय तथा स्नानागारों की भी पर्याप्त व्यवस्था हो एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो। इसकी सतत निगरानी भी करते रहें। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर पर सारी व्यवस्थायें ठीक ढ़ंग से चले, यह सुनिश्चित किया जाय ताकि वहाँ रह रहे लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। स्नानागार एवं शौचालय की साफ-सफाई पर भी पूर्ण ध्यान रखा जाय और इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो।
उन्होंने कहा कि बाहर से आ रहे सभी लोगों की स्क्रीनिंग करायी जाय और जिनमें लक्षण पाये जायें, उनकी प्रोटोकाॅल के अनुरूप टेस्टिंग तुरंत करायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका तथा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा चिन्हित लोगों को प्रति परिवार एक हजार रूपये की सहायता राशी शीघ्र अंतरित करते हुये सभी सुयोग्य लाभुकों को राशन कार्ड शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही राशन कार्ड के लंबित, त्रुटिपूर्ण,अस्वीकृत आवेदन जो जांचोपरांत सही पाये गये हैं, उन्हें भी एक हजार रूपये की सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध करा दी जाय। उन्होंने कहा कि चिन्हित परिवारों के खाते में सिर्फ एक हजार रूपये की राशि अंतरण कराना ही हमारा उद्देश्य नहीं है बल्कि सभी राशनकार्ड-विहीन गरीब परिवारों को सहायता राशि के साथ-साथ राशनकार्ड भी मिल जाय, यह बहुत जरूरी है ताकि इसका लाभ उनको हमेशा मिलता रहे।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिये पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर अब तक 1 करोड़ 5 लाख 80 हजार घरों का सर्वेक्षण कराया जा चुका है, जिसमें कुल 5 करोड़ 76 लाख व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इसमें 3,420 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें बुखार, खांसी एवं सांस लेने में तकलीफ है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे सभी लोगों की प्राथमिकता के आधार पर सैंपल टेस्टिंग करायी जाय एवं प्रोटोकाॅल के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि तेजी से काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जाय ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग दवाओं, टेस्टिंग किट, पी०पी०ई० किट एवं जरूरी उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता एवं उसकी आपूर्ति बनाये रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक जितने कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाये गये हैं, उनमें ठीक होने वाले 25 प्रतिशत लोग हैं इसलिये कोरोना से घबरायें नहीं। जिन्हें बुखार, खांसी एवं सांस लेने में तकलीफ के कोई लक्षण दिखे, वे तुरंत जांच केन्द्र पर अपनी जांच करायें। लाॅकडाउन की अवधि में घर पर रहें, सुरक्षित रहें, सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण से बचने का प्रभावी उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। उन्होंने लोगों से अपील की कि लाॅकडाउन का पालन करें, घर में रहें और सुरक्षित रहें।