वंदना झा
समस्तीपुर:- राजद के प्रदेश सचिव जवाहर लाल राय ने कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम को किए गए लॉकडाउन के बाद मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है। वहीँ दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले मजदूर पैदल ही घर लौट रहे हैं। रास्ते में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पर रहा है, लेकिन वो पैदल ही जाने को मजबूर हैं। देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने के साथ ही पंजाब, जम्मू, दिल्ली, राजस्थान और तमिलनाडु समेत कई प्रदेशों में बिहार के प्रवासी मजदूर फंस गए हैं। सरकार केवल एक फ़ोन नंबर /टॉल फ्री नंबर जारी करके निश्चिन्त हो गयी है। लॉकडाउन के दौरान अघोषित कर्फ्यू वाले हालात में फंसे मजदूरों ने पंजाब के एक शहर से एक वीडियो को भेजते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार से मदद मांगी है। उन्होंने कि हमारी मदद करें। दस की संख्या में इन मजदूरों ने अपने घरों की स्थिति को दिखाते हुए बताया है कि राशन से लेकर गैस सिलेंडर तक खाली है और ऐसे समय में हमारी मदद मालिक भी नहीं कर पा रहा है। अमृतसर में भी फंसे हैं लगभग 2000 मजदूर अब ये भी अपने घर आना चाहते हैं। लेकिन कोई रास्ता नहीं दिख रहा है, पैदल आने को मजबूर है। उनके सामने रोजी-रोटी व जीवन -मरण की समस्या उत्पन्न हो गयी। बिहार सरकार को चाहिए कि देश के विभिन्न जगहों पर फसे हुए मजदूरों को वापस बिहार लाने हेतु सकारात्मक व अपेक्षित पहल करे तथा उसके बाद इनके रोजगार सृजन की भी समुचित व्यवस्था करे।
राजद के प्रदेश सचिव जवाहर लाल राय ने बिहार सरकार से मांग की है कि वे राज्य में कोरोना के मरीजों को देखने वाले डॉक्टरों को सुरक्षा संबंधी उपकरण उपलब्ध कराएं जिससे कोरोना के मरीजों को देखने वाले डॉक्टर खुद को भी इस जानलेवा संक्रमण से बच सकें तथा खाद्य पदार्थो की कालाबाजारी पर रोक लगाए। वहीँ राजद के प्रदेश सचिव ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में पशुपालकों के लिए समस्या खड़ी हो रही है। ऐसे में उनके लिए जरुरी कदम उठाये जाने की जरुरत है। पशुओं के जीवन रक्षार्थ पशु चारा एवं खाद्य सामग्री की जरुरत अति आवश्यक है। ऐसे में आपूर्ति होने वाले चारा एवं खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति सुगमतापूर्वक हो सके, इसके लिए बिहार सरकार को अपने स्तर से अग्रेत्तर कार्रवाई भी करना चाहिए। यह सारी जानकारी राजद के राकेश ठाकुर के व्हाट्सएप के द्वारा प्रेस को मिला।