*पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई है तो दूसरी बार गर्भधारण करने से पहलें लें ब्रेक:- डॉ० प्रवृत्ति मिश्रा। हर खबर पर पैनी नजर।*

डिलीवरी के बाद खानपान पर रखें विशेष ध्यान,

अपनाएं गर्भ- निरोधक साधन, सदर अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध।

वन्दना झा

मधुबनी:- गर्भावस्था हर महिला के लिए बहुत खास पल होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक बदलाव आते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की अपनी सेहत के प्रति जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। इसका कारण है कि उनको खुद के साथ अपने गर्भस्थ शिशु का भी ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों, विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। आमतौर पर हर कोई चाहता है कि डिलीवरी नॉर्मल ही हो, लेकिन कई बार किसी जटिलता के कारण तो कभी गर्भवती महिलाओं के दर्द न सह सकने की वजह से सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत पड़ती है।

*क्या होता है सिजेरियन:-*
सिजेरियन डिलीवरी में प्रसव के दौरान ऑपरेशन किया जाता है। इसके बाद गर्भस्थ शिशु को बाहर निकाला जाता है। ऐसा करने के बाद पेट और गर्भाशय को बंद कर दिया जाता है और डॉक्टर एब्जॉर्ब हो जाने वाले टांके लगा देते हैं।

*क्यों की जाती है सिजेरियन डिलीवरी:-*
सदर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवृत्ति मिश्रा ने बताती हैं की जब गर्भस्थ बच्चा पूरी तरह विकसित हो जाता है यानि करीब गर्भावस्था के 39वें सप्ताह में सिजेरियन डिलीवरी की सलाह चिकित्सक तब देते हैं। अगर प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) के दौरान जच्चा-बच्चा की जान खतरे में हो या फिर बच्चे को निकलने में दिक्कत हो रही हो, तब निर्णय लिया जाता है।

*कैसा होनी चाहिए पोस्ट डिलीवरी खुराक:-*
शिशु के जन्म के बाद महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। अच्छी स्वास्थ्य के लिए उनका खानपान भी स्वस्थ रहना चाहिए। लिहाजा उनकी खुराक में सभी पोषक तत्वों से समाहित खाद्य पदार्थ को शामिल करना जरूरी है। ऐसे में लोगों को अपने दैनिक आहार में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, फाइबर से भरपूर खाना चाहिए। वहीं, जिन खाद्य पदार्थों को पचाने में मुश्किल आती है, उन्हें न खाएं।

*दूसरी बार गर्भधारण करने में लें ब्रेक:-*
यदि आपकी पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई है तो दूसरी बार गर्भधारण करने से पहलें ब्रेक लें। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ०प्रवृत्ति मिश्रा ने बताया दूसरी बार गर्भधारण के लिए कम से कम 3 साल का इंतजार करने के बाद ही गर्भधारण करें।

अपनाएं गर्भ निरोधक साधन:-
सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने कहा कि जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उनके मुताबिक बच्चों में अंतर रखने के लिए तथा अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी(प्रसवोपरांत कॉपर-टी) लगाया जाता है। गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इससे लाभार्थी को न ही दर्द होता है ना ही कोई अतिरिक्त रक्तश्राव होती है। इससे गर्भधारण की समस्या से लंबे समय तक छुटकारा पाया जा सकता है। इसके अलावा सदर अस्पताल में कई तरह की अस्थाई सामाग्रियां मौजूद हैं। इनमें कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, गर्भनिरोधक गोली जैसे साधन उपलब्ध हैं।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,
एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें,
सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।₹,
अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं,
आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें,
छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

Related posts

Leave a Comment