*सभी धर्मो में सबसे बड़ा धर्म है मानव सेवा:- महामंडलेश्वर उमाकांतानंद। हर खबर पर पैनी नजर।*

धर्म व सनातन संस्कृति विषयक परिचर्चा में जुटे संत।

वंदना झा

समस्तीपुर/हाजीपुर:- मॉरीशस में सनातन धर्म की अलख जगा रहे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर डा० उमाकांतानंद सरस्वती महाराज चांदी धनुषी में आयोजित श्रीसहस्त्र चंडी महायज्ञ मेंं पहुंचे। यहां आयोजित धर्म व सनातन संस्कृति विषयक परिचर्चा में जुटे संतों सहित उपस्थित में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी डॉ० उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सभी धर्मो में सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा है। हमें आपसी राग, द्वेष को समाप्त कर मानव जीवन के कल्याण के लिये कार्य करने चाहिए।

परिचर्चा के दौरान धार्मिक सरोकार से जुड़े लोगों के सवालों पर भी अपनी सम्यक विचार रख लोगों की जिज्ञासा पर तथ्यपरक उतर दे संतुष्ट किया। वहीँ महानिर्वाणी अखाङा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद ब्रहाचारी महाराज ने भक्त, भक्ति एवं सदगुरू कि महत्ता को उजागर किया। उन्होंने कहा कि सदगुरु ज्ञान के ज्ञाता ही नहीं बल्कि मुक्तिदाता भी है। हिन्दु वाहिनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालिका मंदिर नई दिल्ली के प्रमुख महामंडलेश्वर स्वामी सुरेन्द्रनाथ अवधूत ने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के भौतिकता की चकाचौंध में इंसान इतना गलत हो गया है कि जीवन के उद्वेश्य को भुलाकर क्षण भंगुर से नेह लगाकर भ्रमित हो जाता है। सदगुरू की कृपा से ही मानव जाति का कल्याण मुक्ति व मोक्ष संभव है।

वहीँ आचार्य धर्मवीर व व्यवस्थापक सत्येन्द्र सिंह राणा के संयोजन में आयोजित इस परिचर्चा को जूना अखाङा के महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुन पुरी, भारतीयसंत समिति व अखाङा परिषद हरिद्वार के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी महाराज, हिन्दु सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी जी महाराज,भारत साधु समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंथ ॠषिश्वरानंद जी महाराज, भारत साधु समाज के राष्ट्रीय संगठन मंत्री योगी आशुतोष जी,उत्तराखंड पत्रकार संध के प्रदेश अध्यक्ष राकेश वालिया आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य यज्ञमान अमरेन्द्र कुमार सिंह, व्यवथापक सत्येन्द्र सिंह राणा,आचार्य धर्मवीर,सचिन वशिष्ठ,मीडिया प्रभारी पदमाकर सिंह लाला,सुबोध सिंह,राजीव सिंह, कन्हैया सिंह, अलका सिंह, रामकुमार सिंह, अर्पिता चौहान, रामनरेश सिंह, रविन्द्र सिंह सहित इत्यादि लोग उपस्थित थे।

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