*मन के हारे हार है मन के जीते जीत, अगर मान लो तो हार है ठान लो तो जीत।:- कुंदन कुमार। हर खबर पर पैनी नजर।*

वंदना झा

समस्तीपुर:- जिले के पुसा क्षेत्र के निजी कोचिंग सेंटर में दसवीं के छात्र-छात्रों के लिए मोटीवेशनल कार्यक्रम सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथी के रूप में यूथ मोटीवेटर व नैशनल ह्युमन वेल फेयर काउंसिल के बिहार के यूथ प्रेसीडेंट कुंदन कुमार राॅय ने बच्चों को कहानियों के माध्यम से बताया की मन के हारे हार है मन के जीते जीत। अगर मान लो तो हार है ठान लो तो जीत। दुनिया का हर इंसान खुद में खास है।इसलिए अपने को कभी कमजोर ना माने। वहीँ कुंदन कुमार राॅय ने बच्चों को बताया के लगातार पढ़ाई करने की बजाय थोड़े अंतराल पर पढ़े। सिलेबस का ध्यान रखते हुए हर बात को रट कर नहीं समझ कर पढ़े।

स्ट्रेस ना ले अगर एक सवाल का जवाब ना आ रहा हो तो समय सीमा का खयाल रखते हुए दुसरे सवाल पर ध्यान दे और समय बचाकर उन सवालों को हल करें जो पहले हल नही हुआ हो। यकीन मानिये जब एक दो जवाब सही होंगे तो आत्मविश्वास बढ़ेगा और आपकी सकारात्मक सोच आपको हर समस्या का समाधान स्वयं ढूंढ देगी। फिर भी जवाब ना मिले तो घबड़ाहट में और गलती करने से अच्छा शांत दिमाग से जवाब देने की कोशिश करें। परीक्षा के पूर्व ही हर तैयारी कर ले, अंतिम समय के लिए कुछ ना छोड़े।


जितना ज्यादा हो सके प्रैक्टिस सेट साॅल्व करें, जो पहले परीक्षा दे चुके हैं उनसे मार्गदर्शन लिया करें। यह मान कर चलिए की हमनें जो साल भर मेहनत किया है उसका फल भी अच्छा होगा। प्रसन्नचित्त होकर कदाचार मुक्त परीक्षा दे। परीक्षा में उपयोग होने वाली चीजें ध्यान से रख कर
सेंटर पर समय से थोड़ा पहले पहुँच जाए। इस कार्यक्रम के मौके पर संस्था के संचालक प्रदीप कुमार ने सभी अतिथियों को फूलों की गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। वहीँ विद्यार्थियों को आशीर्वाद स्वरूप एक-एक कलम देकर विदाई समारोह किया।

इस कार्यक्रम के मौके पर उपस्थित शिक्षक प्रतिनिधि दिलीप कुमार पासवान, जयप्रकाश कुमार, विश्व कांत कुमार राजकुमार, प्रिंस कुमार, प्रभात कुमार आदि वक्ताओं ने बच्चों के समक्ष अपने-अपने विचार रखें। बच्चे अपने निजी सवालों के जवाब पाकर काफी प्रसन्न दिखें। वहीँ संस्था से जुड़े छात्रों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम कर मन मोह लिया। जिसमें दिलकश, प्रीति, रूमन, मोहम्मद हयात, शुभम, सौरभ ,रूपा सहित इत्यादि शामिल थे।

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