मात्र 5 रूपये प्रति किलो की दर से ऑर्गेनिक खाद कराया जायेगा उपलब्धः- उपायुक्त
विवेक कुमार यादव।
रांची/देवघर:- सालों भर बाबा को जलार्पण करने हेतु श्रद्धालुओं का आगमन देवघर में होता रहता है। ऐसे में श्रद्धालुओं के द्वारा बाबा के मंदिर में पूजा-अर्चना के क्रम में मंदिर के प्रांगण के विभिन्न मंदिरों में फूल-बेल्व पत्र आदि चढ़ाया जाता है। मंदिर में चढ़े विल्वपत्र व फूल पहले यत्र-तत्र बर्बाद हो जाते थें, परन्तु जिला प्रशासन की पहल से अब मंदिर से निकले फूल, विल्व पत्र को संग्रहित कर उनसे ऑर्गेनिक खाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। मंदिर से निकले फूलों एवं विल्वपत्रों से प्रतिदिन लगभग 1000 से 1500 किलोग्राम ऑर्गेनिक खाद्य का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ हीं तैयार किये जाने वाले ऑर्गेनिक खाद में पोषक तत्वों को आवश्यकता अनुरूप मिलाकर इसे किसान बंधुओं के लिये उपयोगी बनाया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में वैसे केंचुआ खाद अर्थात वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया जाता था। परंतु इस ऑर्गेनिक खाद के उपयोग से जिले में अनाजों की उपज में और अधिक वृद्धि हो पाएगी एवं इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी। साथ हीं अन्य खादों के मुकाबले यह काफी सस्ती भी है एवं किसानों को कम कीमत पर हीं उनके खेतों के लिए अच्छी खाद मिल जायेगी। इस हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र सुजानी (जसीडीह) में लगातार इन खादों के गुणवत्ता को बढ़ायें जाने के दिशा में कार्य किया जा रहा था। इन ऑर्गेनिक खादों मे कार्बन की मात्रा कुल 17.3 प्रतिशत, नाइट्रोजन 0.58 प्रतिशत, फाॅसफोरस 0.34 प्रतिशत, पोटेशियम 0.44 प्रतिशत की मात्रा का प्रयोग ऑर्गेनिक खादो की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया गया है। इसके तहत एक पैकेट में कुल 30 किलोग्राम खाद की पैकिंग की जा रही है। जल्द हीं खाद का पैकेट तैयार कर इन्हें बाजार में बेचे जाने की तैयारी भी की जा रही है। साथ ही प्रति किलोग्राम 5 रूपये के दर से ऑर्गेनिक खाद की कीमत निर्धारित की गयी है, ताकि कृषकों को कम कीमत पर हीं अच्छी खाद उपलब्ध हो जाय।
इसके अलावा उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय द्वारा बतलाया गया कि मंदिर के फूलों व विल्व पत्र से ऑर्गेनिक खाद निर्माण का कार्य के0वी0के सुजानी में कृषि वेज्ञानिकों द्वारा किया जा रहा है। पूर्व में वैसे केंचुआ खाद अर्थात वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया जाता था, परंतु इस ऑर्गेनिक खाद के उपयोग से जिले में अनाजों की उपज में और अधिक वृद्धि हो पाएगी एवं इसके उपयोग से मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी। साथ हीं उपायुक्त द्वारा यह भी जानकारी दी गई की ऑर्गेनिक खाद का उपयोग नैयाडीह, मलहरा एवं अन्य जगहों पर फूलों से जुड़ी खेती में भी इसका प्रयोग किया जा सकेगा, जिससे फूलों की उपज में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि भी होगी। उपायुक्त श्रीमती नैन्सी सहाय द्वारा आगे बतलाया गया कि जल्द ही खाद का पैकेजिंग किया जाना है, जिस पर सारे पोषक तत्वों की जानकारी मात्रा अनुसार लिखी होगी।
ज्ञात हो कि ऑर्गेनिक खाद को बेहतर व गुणवतापूर्ण बनाने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, सुजानी द्वारा ऑर्गेनिक खाद के नमूने को भारतीय मृदा परीक्षण संस्थान, भोपाल भेजा गया था, जहाँ परीक्षण के उपरांत इसमें कौन- कौन से पोषक तत्व उपस्थित हैं एवं किन-किन पोषक तत्वों की कमी की जानकारी दी गयी। तत्पश्चात कृषि विज्ञान केंद्र में पोषक तत्वों को आवश्यकता अनुरूप ऑर्गेनिक खाद में मिलाकर उसे किसान बंधुओं के लिये उपयोगी बनाया गया।