संजीव मिश्रा,
कोरोना वायरस एक खतरनाक स्टेज पर पहुँच गयी है। जरूरत है इस वायरस को समझने की ओर इसके रोकथाम की। इसकी लपटे भागलपुर तक पहुच चुकी है। इस वायरस को लेकर जेएल एमसीएच के अधीक्षक डॉ. आर सी.मंडल ने विस्तार से बताया, इसके रोकथाम के लिए क्या किया जा सकता है, उपायों को भी बताया। कोरोना वायरस बेहद आम होते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है, सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक। लेकिन कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद ख़तरनाक़ होते हैं जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम)।
वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस या nCoV का नाम दिया गया है। मालूम पड़ता है कि ये कोरोना परिवार की एक नई नस्ल है जिसकी पहचान अभी तक इंसानों में नहीं हो पाई थी।कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ऐसा लगता है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है। हफ़्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ़ शुरू हो जाती है।
लेकिन गंभीर मामलों में ये संक्रमण निमोनिया या सार्स बन जाता है, किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है और मरीज़ की मौत तक हो सकती है। कोरोना के ज़्यादातर मरीज़ उम्रदराज़ लोग हैं, ख़ासकर वो जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटिज़ जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों।लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर पीटर पियोट कहते हैं, “अच्छी ख़बर ये है कि कोरोना सार्स विषाणु की तुलना में कम जानलेवा है। अतीत की तुलना में वैश्विक स्तर पर सूचना का ज़्यादा और बेहतर आदान-प्रदान हो रहा है। ये अहम है क्योंकि एक संभावित महामारी से कोई देश अकेले नहीं लड़ सकता है।”
इस संक्रमण से निजात पाने के लिए फिलहाल कोई ख़ास इलाज नहीं है। डॉक्टर संक्रमित मरीज़ों का इलाज फिलहाल उनके लक्षण के आधार पर ही कर रहे हैं।
बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाके लोगों को पहले से निर्धारित सामान्य एहतियाती उपाय बरतने की सलाह दी है ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके। इन उपायों में हाथ साफ़ रखना, मास्क पहनना और खान-पान की सलाह शामिल है।
सांसों की किसी तकलीफ़ से संक्रमित मरीज़ों के क़रीब जाने से लोगों को बचने की सलाह दी गई है। नियमित रूप से हाथ साफ़ करते रहें, ख़ासकर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है। कच्चा या अधपका मांस खाने से मना भी किया गया है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को छींक आने की सूरत में सामने खड़े लोगों को बचाने की सलाह दी गई है। जैसे नाक पर कपड़ा या टिशू रखना, सामने खड़े व्यक्ति से फासला बनाकर रखना, नियमित रूप से साफ़ सफ़ाई जैसे एहतियात बरतने की उम्मीद की जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनमें क़रीब के लोगों के संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि हुई है। इसकी वजह ये भी है कि परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित होने की सूरत में दूसरा उसकी देखभाल करने लगता है। हालांकि अभी तक इसके बाहर होने वाले संक्रमण को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्पतालों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष सलाह जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि संक्रमित मरीज़ों की फौरन जांच की जानी चाहिए। संक्रमण को देखते हुए मरीज़ को हल्का, मध्यम या गंभीर स्थिति के वर्ग में रखा जाए।
स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमण का शिकार न हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय किए जाएं। गाउन, मास्क, दस्तानों के इस्तेमाल के अलावा अस्तपाल में संक्रमित मरीज़ों की गतिविधि पर नियंत्रण करने की भी सलाह दी गई है।
अगर हम चीन की बात करें तो कोरोना वायरस की वजह से अब तक कुल 80 लोगों की मौत हो चुकी है।2814 लोग संक्रमित हैं। 5794 लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने का संदेह है और तीस हज़ार से ज़्यादा लोगों को निरीक्षण में रखा गया है।
चीन में फैल रहा जानलेवा 2019- 20 एनसीओवी कोरोना वायरस से अब तक 80 मौतें हो चुकी है। 11 देशों में दशहत फैला चुके इस वायरस की आहट उत्तर प्रदेश और बिहार तक भी पहुंच गई है। बिहार में चार और उत्तर प्रदेश में एक संदिग्ध संक्रमित मिला है। इससे पहले केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में पहले ही संदिग्ध संक्रमित मिल चुके हैं।
बिहार और उत्तर प्रदेश में नए मामले सामने पर केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। सभी राज्यों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने सभी मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। हवाईअड्डों पर जांच के साथ अब जहाजरानी मंत्रालय उन अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर लोगों की जांच आरंभ करेगा जहां चीन से लोग आते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीन में फैले कोरोना वायरस के मद्देनजर अधिकारियों को सतर्कता बरतने के खास निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए दिए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि हर जिला अस्पताल एवं मेडिकल कालेज में दस बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएं। इंडो-नेपाल स्पेशल बार्डर पर कड़ी सतर्कता बरती जाए। एयरपोर्ट पर विशेष सतर्कता बरती जाए, खासतौर पर इंटरनेशनल हवाई अड्डों पर, जहां विदेशों से लोग आ रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लगातार संपर्क स्थापित करके समन्वय बनाकर सारी कार्रवाई की जाए।
वही बिहार के पीएमसीएच, भागलपुर के जेएलएमसीएच में भी अधीक्षक डॉ. आर सी.मंडल ने इस वायरस से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार रखने को कहा गया है ।