जिले के लाल ने किया कमाल, गिनीज बुक आफ व्लर्ड रिकार्ड का हिस्सा बने सुमित।

नीतीश कुमार सिंह

भागलपुर/नवगछिया:- नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड के जहागीरपुर बैसी गांव के अवधेश कुमार यादव के पुत्र सुमित कुमार यादव का नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। 24 वर्षीय सुमित नवोदित गायक और संगीतकार है। 24 जनवरी को एमेजोन के प्रायोजन में मुंबई में आयोजित लारजेस्ट सिनेमेटिक म्युजिक बैंड आफ वर्ल्ड के कार्यक्रम लाइव 1000 की टीम में सुमित भी शामिल था, लाइव थाउजेंट के 1046 म्युजिशियनों ने सुमित भी शामिल था।

सबों ने चर्चित संगीतार प्रीतम के नेतृत्व में कबीर खान की आने वाली फिल्म द फारगेटन आर्मी के लिए लाइव गीत रिकार्ड किया, रिकार्ड होते ही यह गीत विश्व रिकार्ड में शामिल हो गया। मौके पर ही गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के जजों के बैंच ने पूरी टीम के समक्ष इस बात की घोषणा की। सुमित इस गीत में कुछ चुनिंदा गायकों में से एक था, इससे पहले भी सुमित लाइव 100 में भी अपनी आवाज दे चुके हैं। इस उपलब्धि के साथ की सुमित को बतौर पार्श्व गायक बॉलीवुड में कई काम सदस्य रहे हैं। दूसरी तरफ लाइव थाउजेंड के लिए सुमित द्वारा की गयी मेहरत की सराहना संगीतार प्रीतम और फिल्म निर्माता कबीर खान ने भी किया है। सुमित ने बताया कि वह अपना पूरा फोकस अपने रियाज और गीत संगीत पर ही किये हुए हैं।

क्या कहते है सुमित:

सुमित ने बताया कि वह चर्चित गायक सुरेश वाडेकर के आजीवासन नाम के संस्थान से संगीत की पढ़ाई भी कर रहा है। सुमित ने कहा कि वह अपने आप को बॉलीवुड में एक पार्श्व गायक और संगीतकार के रूप में स्थापित करने के लिए लगातार संघर्षरत है। सुमित ने बताया लाइव थाउजेंट में चयन होने की प्रक्रिया भी काफी जटिल रही, कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद वे इस टीम का हिस्सा बने । बिहार से महज दो लोगों का ही चयन हुआ था।

विरासत में मिली आवाज, बीए करने के बाद चला गया मुंबई: नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड के जहागीरपुर बैसी कोसी तटीय व सूदूर क्षेत्र है। सुमित की इस सफलता से गांव के लोग काफी खुश हैं। सुमित के पिता अवधेश यादव भी ग्रामीण स्तर पर विभिन्न जगहों पर गाते रहे हैं। इसलिए सुमित को सुरमयी आवाज विरासत में मिली। वह बचपन से ही गाता था ,सुमित की शुरूआती शिक्षा गांव से हुई, फिर नगरह उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की।

बीएलएस कॉलेज नवगछिया से सुमित ने हिंदी से स्नातक किया। स्थानीय स्तर लोग उसे सुनते जरूर थे लेकिन उसकी प्रतिभा की किसी को पहचान न थी, फिर वर्ष 2013 में सुमित मुंबई चला गया। सुमित अपने तीन भाईयों में सबसे छोटा है, सुमित का बड़ा भाई आकाश सीआरपीएफ में अनि है तो दूसरे नंबर का भाई मनीष और बहन स्वाति सुमन भी गीत संगीत संगीत से जुड़ी है। पुत्र की उपलब्धि से पिता अवधेश यादव फूले नहीं समा रहे है। उन्होंने कहा कि सुमित से उनके परिजनों और गांव जवार के लोगों को काफी उम्मीदें हैं, आशा है सुमित इस पर खड़ा उतरेगा।

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