पत्रकार हत्या मामले में बबलू सिंह सहित चौदह दोषी करार
समस्तीपुर:- पत्रकार विकास रंजन हत्या कांड में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रोसड़ा द्वारा सत्र वाद संख्या 205/10 और 437/12 में जिले के हसनपुर थाना के बसतपुर निवासी राम खेलावन चौधरी के पुत्र उमाकांत चौधरी, स्वर्गीय शत्रुघ्न राय के पुत्र विधानचंद्र राय, विधानचंद्र राय के पुत्र राजीव रंजन उर्फ गुड्डू, प्रिय रंजन राय उर्फ टिन्नू, शिवचंद्र चौधरी के पुत्र मनोज चौधरी, महेंद्र चौधरी,बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर थाना के नारायनपीपर गाँव के स्वर्गीय शोभाकांत राय के पुत्र राम उदय राय, राम उदय राय के पुत्र राजीव राय, संजीव राय, जिले के विथान थाना के लरझा गाँव के सिफैती यादव के पुत्र मोहन यादव, बेगूसराय जिले के साहेबपुरकमाल थाना के हरदिया गाँव के हीरा सिंह के पुत्र बबलू सिंह,
चेरियाबरियारपुर थाना के कुम्भी निवासी राजेन्द्र प्रसाद सिंह के पुत्र संतोष आनन्द सिंह, समस्तीपुर जिले के विथान थाना के लरझा घाट निवासी कृष्ण कुमार यादव उर्फ बड़कू यादव, रोसड़ा थाना के महुली निवासी शिव कुमार यादव के पुत्र स्वयंवर यादव, को धारा 302/34,120 (बी) भा०द०वी० और 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार किया गया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई दिनांक 22 सितम्बर 2021 को किया जाएगा।
बतादे की क्या है मामला:- दिनांक 25 नवम्बर 2008 को समय करीब पौने छह बजे हिंदुस्तान कार्यालय के कार्य निबटाकर विकास अपने आवास पर आए थे कि दो अज्ञात अपराधी तेजी से विकास के पास आया और ताबड़तोड़ दो राउंड फायर करते हुए पूरब दिशा की ओर कुछ दूरी पर एक अज्ञात लड़का बाइक स्टार्ट कर रखा था उस पर चढ़कर पूरब की ओर भाग गया। लोगों के जुटने और सहयोग से सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां विकास रंजन को मृत घोषित कर दिया गया। जिस सन्दर्भ में विकास रंजन के पिता समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना के बसतपुर निवासी फुलकान्त चौधरी द्वारा रोसड़ा थाना कांड संख्या 173/2008 दर्ज करवाया था। उसने अपने आवेदन में बताया है कि जमीनी विवाद तथा कई फौजदारी मुकदमा माननीय न्यायालय में चल रहा है। जिस कारण हत्या करने की धमकी विकास तथा विकास के पिता सूचक को मुदालयगण के द्वारा दिया जाता था।दूसरी और विकास मुझे तथा अपनी पत्नी से कहा करता था कि रोसड़ा बाजार के कई दवा के अवैध धंधेबाज का पर्दाफाश करने के कारण इस गतिविधि में शामिल व संलिप्त लोगों द्वारा जान से मारने की धमकी दी जाती है। जिसका वर्णन विकास रंजन अपने निजी डायरी में अपने हस्तलिखित लिखा भी है। सरकार की और से ए पी पी राम कुमार और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिल शर्मा, अमृत आनन्द सहित अन्य थे।