*माले प्रखण्ड कमिटी की बैठक में लिए गए आंदोलनात्मक निर्णय, हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

रमेश शंकर झा,

समस्तीपुर:- निजी क्षेत्रों को आरक्षण के दायरे में लाए बिना दलित, गरीब, पीछड़ों का विकास असंभव है। जाति आधारित जनगणना करने, निजी क्षेत्र में आरक्षण का विस्तार करने, मोदी सरकार की देश बेचने की मुहिम और किसान विरोधी कारपोरेट पक्षीय कृषि कानून की वापसी को लेकर भाकपा माले योजनाबद्ध तरीके से महागठबंधन के साथ मिलकर संघर्ष को तेज करेगी।

इसके तहत 25 सितंबर का भारत बंद ऐतिहासिक होगा। इसमें लाखों- लाख लोग सड़क पर उतरकर केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार की मुखालिफत करेंगे।

युक्त बातें ताजपुर नगर परिषद क्षेत्र के दरगाह रोड में मंगलवार को देर शाम तक चली भाकपा माले प्रखण्ड कमिटी की विस्तारित बैठक को बतौर अतिथि संबोधित करते हुए भाकपा माले के पोलिट ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी का० धीरेन्द्र झा ने कही।

इस बैठक की अध्यक्षता प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। जबकि बतौर पर्यवेक्षक जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार उपस्थित थे।

मौके पर ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, बासुदेव राय, प्रभात रंजन गुप्ता, आशिफ होदा, मो० अबुबकर, नौशाद तौहीदी, मो० एजाज़, अरशद कमाल बबलू, सोनिया देवी, अनीता देवी, नीलम देवी, मनोज कुमार सिंह, मो० मसीउलहक, जीतेंद्र सहनी, हरेंद्र सिंह, मुंशीलाल राय, संजीव राय आदि ने बैठक में उपस्थित होकर अपने-अपने विचार व्यक्त किया।

अतिवृष्टि से खेतों में जल जमाव के कारण किसानों के फसल बर्बाद हो जाने के बाद भी कृषि पदाधिकारी द्वारा शून्य रिपोर्ट भेजने का विरोध करते हुए संपूर्ण फसल क्षति का रिपोर्ट भेजकर मुआवजे के बंद रास्ते को खोलवाने को लेकर 13 सितंबर को मालगोदाम चौक से जुलूस निकालकर समाहरणालय पर किसानों के प्रदर्शन में बड़ी भागीदारी दिलाकर सफल बनाने की अपील जिला सचिव प्रो० उमेश कुमार ने किसान- मजदूरों से की।

वहीं अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रखण्ड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि भाकपा माले पार्टी-संगठन को मजबूत कर भय, भूख और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी। उन्होंने कहा कि गव्य विकास योजना, मातृ वंदना, मनरेगा, आवास, सड़क, नाला, भवन निर्माण, राशन आपूर्ति, पेंशन आदि योजनाओं में भ्रष्टाचार व्याप्त है।

जो अधिकारी एक बार ताजपुर आते हैं, करोड़ों रूपये लूटकर ही अन्यत्र जाते हैं। इसे उन्होंने प्रखण्ड के जनप्रतिनिधि, दलाल, विचौलिया एवं अधिकारियों के मिलीभगत का परिणाम बताते हुए इस तिकड़ी को तोड़ने को पंचायत चुनाव में पंसस, मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य आदि के पद पर आंदोलन के नेताओं, कार्यकर्ताओं को उतारने की घोषणा की।

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