रमेश शंकर झा
समस्तीपुर:- दुनियां में बेटी पहाड़ काहे होला, बेटियन के संग अत्याचार काहे होला। दूर देहात सांस्कृतिक मंडली की कला जत्था टीम ने जब प्रस्तुति के क्रम में नुक्कड़ नाटक के बीच गीत नाटिका का मंचन किया तो परिसर मौजूद लोगों के चेहरे पर सिकन पारदर्शी होती दिख गई। ऐसा लगा कि जैसे नाकारात्म सोंच के बादल छंट चुके हैं और साकारात्म सोंच का प्रादुर्भाव होना आरंभ हो गया। माजरा था बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर नाट्य प्रस्तुति को आत्मसात करने की। यहां बारी-बारी से आयोजित उक्त तीनों परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजने लगा और प्रखंड क्षेत्र में नई सोंच के साथ नव उर्जा का संचार हो उठा।
वहीं जिला प्रशासन की ओर से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कला जत्था की टीम के लगभग दर्जन भर कलाकार प्रस्तुति देकर लोगों को जागरूक कर रहे थे। टीम ने प्रखंड के धुरलख पंचायत अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या 142 पर महिला पर्यवेक्षिका उपमा रानी और सेविका पुष्पा कुमारी, पुनास पंचायत के आंगनवाड़ी केन्द्र संख्या 24 पर महिला पर्यवेक्षिका प्रियंका और सेविका पूनम कुमारी व सिंघिया खुर्द पंचायत के केन्द्र संख्या 110 पर महिला पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी और सेविका ममता कुमारी के नेतृत्व में प्रस्तुति दी गई। इन कलाकारों ने बेटा और बेटी में फर्क नहीं मानने, बेटी की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं करने, भ्रूण हत्या पर रोक लगाने, आधी आबादी को समाज में वास्तविक सम्मान दिलाने, राष्ट्र निर्माण में बेटियों की सराहनीय भूमिका आदि पर समां बांधती रही।
इस कार्यक्रम के साक्षी बने लोग तालियां बजा-बजाकर कलाकारों का हौसला अफजाई करते रहे। उक्त तीनों स्थलों पर कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था सचिव प्रभु नारायण झा ने की। इस मौके पर कला जत्था के कलाकार रामोद पासवान, मदन महतो, रामनाथ राय, विनोद कुमार, श्रवण कुमार दास, टुनटुन पंडित, दीपक जोशी, साजन कुमार, डॉ. विजेन्द्र पासवान, नूतन कुमारी, रिंकु कुमारी, उषा कुमारी आदि रहे। जागरूकता कार्यक्रम का सफल मॉनिटरिंग सीडीपीओ संगीता कुमारी कर रही थी।