*बुराइयों को त्यागकर, अच्छाइयों को ग्रहण करना ही जीवनरूपी महायज्ञ। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज….


 
रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र के मऊ गांव में आयोजित नौ कुणडीय गायत्री महायज्ञ में हवन यज्ञ के दरम्यान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पङी। इस मौके पर आयोजित देवपूजन,श्रद्धा संवर्द्धन,सामूहिक जप,साधना तथा प्रज्ञा कथा सहित विभिन्न संस्कारोत्सव में सैकड़ों श्रद्धावान श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने सुख शान्ति व संवृद्धि का वातावरण बनाने के उद्देश्य से श्रद्धा भावना से यज्ञ को आहुति समर्पित की। प्रवचन के दौरान शांतिकुंज हरिद्धार से आएं सुविख्यात कथा वाचक आचार्य रामबालक शास्त्री  महाराज ने कहा कि महायज्ञ का महत्व इस संसार में बड़ा ही महत्वपूर्ण है। जिस स्थान पर महायज्ञ जैसे धार्मिक आयोजन होते हैं उसके आसपास चहुंओर एक नए परिवेश की उत्पत्ति होती है। जिसमें शांति, उन्नति और प्रेम का समावेश होता है।वहीं वातावरण रोग, शोक, कलुषता से मुक्त हो जाता है।

शांति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम मेें प्रवचन के दौरान आचार्य अशोक शास्त्री महाराज ने कहा कि महायज्ञ का अर्थ ही नेक बनने से है।बुराइयों को त्यागकर, अच्छाइयों को ग्रहण करना ही जीवनरूपी महायज्ञ है। मनुष्य की पहचान उसकी कृति से होती है। यश छणिक है वहीं कृति शाश्वत होता है। निजी जीवन में भी महायज्ञ से ही मनुष्य अपना तो कल्याण करता ही है। अपने परिवार, अपने आसपास क्षेत्र एवं देश का भी कल्याण करता है। गुरू तेरे चरणों में स्वर्ग पा लिया है … ,हमें भक्ति दो हमें शक्ति दो मां, ना धन मांगते है न दौलत आदि की भक्तिमय प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को भक्ति रस की धारा में डूबो दिया। मौके पर मुख्य संयोजक विमल कुमार झा, देवेश दीपंकर, रानी झा, देवनंदन पंडित,राजू चौधरी, सुशीला देवी,दिलीप चौधरी, रितिक रोशन, रणधीर साह,शंभू स्वर्णकार,कल्याणी देवी,विजय साह,ममता देवी,राजकुमार सोनी, महेन्द्र साह,विनोद मालाकार, प्रशांत झा, ओंकार दास आदि मौजूद थे। 

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