*बच्चों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति किया जायेगा जागरूक। हर खबर पर पैनी नजर।*

प्रत्येक बुधवार को मनाया जायेगा हेल्थ एंड वेलनेस डे।

आरबीएसके के टीम करेगी स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान।

रमेश शंकर झा।

समस्तीपुर:- बच्चों के समग्र शैक्षणिक विकास में उनक स्वास्थ्य एवं पोषण-स्तर की सकारात्मक भूमिका होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत  स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरंभ किया गया है। स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य स्कूल जाने वाले बच्चों में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी जागरूकता पैदा करना तथा विद्यालय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।

*शिक्षक बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर:-*
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों (एक महिला तथा एक पुरूष) को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर के रूप में नामित किया जायेगा। जिन्हें स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। हेल्थ एंड वेलनेस एंबेस्डर हर हफ्ते एक घंटे रोचक गतिविधियों के माध्यम से सत्र आयोजित करेंगे। प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र इन स्वास्थ्य संवर्धक संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे। वहीं विद्यालय में प्रत्येक बुधवार को हेल्थ एंड वेलनेस डे का आयोजन किया जायेगा।

*किशोर-किशोरियों को आयरन की गोली देना करेंगे सुनिश्चित:-*
एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत बच्चों को एनिमिया या इससे होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए साप्ताहिक आयरन फॉलिक-एसिड अनुपूरण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालयों में 5 से 9 वर्ष के बच्चों को सप्ताह में एक बार (बुधवार), मध्याह्न भोजन के उपरांत वर्ग शिक्षकों के द्वारा आयरन की गुलाबी गोली का सेवन कराना सुनिश्चित किया जायेगा। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को सप्ताह में एक बार सुबह प्रार्थना सत्र के बाद शिक्षकों के द्वारा आयारन की नीली गोली का सेवन कराया जायेगा। विद्यालय के लक्षित समूह: सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 6 से 18 वर्ष तक बच्चें।

*विद्यालय स्तर पर प्रमुख गतिविधियों का होगा आयोजन:-*
प्रत्येक स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बीमारियों के रोकथाम के लिए आयु विशेष शिक्षा प्रदान करना,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समर्पित मोबाइल टीम के माध्यम से चिन्हित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान व समाधान करना,
सप्ताहिक आयरन एंव फॉलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम एंव राष्ट्रीय कृमि दिवस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को आईएफए एवं एल्बेंन्डाजोल की गोलियों का सेवन सुनिश्चित करवाना,
सैनिटरी नैपकिन प्रावधान करना तथा आयु विशेष के लिए टीकाकरण का प्रबंध करना,
विद्यार्थियों को बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण प्रदान करना,
प्रत्येक बच्चे का इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड संधारित करना,
कार्यक्रम की प्रगति से संबंधित प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में संबंधित अधिकारी को नियमित रूप से भेजना होगा।

Related posts

Leave a Comment