
सौरभ कुमार
सीतामढ़ी बिहार।
सीतामढ़ी:- जिले में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर की शर्मनाक और बदतर हकीकत दिखाने पर एक पत्रकार पर सीओ ने प्राथमिकी दर्ज किया। जिसको लेकर अखंड पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद पांडेय के अगुवाई में फोन कॉल वॉइस मीटिंग किया गया। जिसमें सभी पत्रकार साथी एकजुट होकर आवाज उठाया।

जिसमें निर्णय लिया गया कि सी० ओ० के द्वारा सच्चाई की आवाज दबाने की कोशिश की गई है। एक बेगुनाह पत्रकार को आरोपित कर उनके प्रतिष्ठा से खिलवाड़ किया गया है। अगर जल्द से जल्द पत्रकार पर हुए प्राथमिकी वापस नहीं ली जाती है तो धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा। जिसकी जानकारी पत्रकार राजू कुमार सोनी, डॉ० कमल नयन दास, सीतामढ़ी की आवाज सहित कई साथी द्वारा सी०ओ० को फोन कॉल करके प्राथमिकी वापस लेने की बात कही गई। जिसमें सी ओ द्वारा विचारणीय रखा गया। बताते चलें कि नीतीश कुमार जिस सुशासन का दावा करते हैं।

वह सरकार के अफसर इतने तानाशाह और बेशर्म है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर की बदतर हकीकत दिखाने वाले पत्रकार पर सीओ के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करा दी जाती है। यह पूरा मामला रीगा प्रखंड के बुलाकीपुर उच्च विद्यालय के क्वॉरेंटाइन
सेंटर में निम्न स्तरीय व्यवस्था के विरोध में क्वॉरेंटाइन लोगों ने प्रशासन के विरोध में जमकर हंगामा किया था। लोगों का आरोप था कि उन लोगो को समय पर खाना नही दिया जाता है साथ ही उन लोगों को भेड़ और बकरी की तरह क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठूंस कर रख दिया गया है। इस खबर को प्रिंट मीडिया के एक स्थानीय पत्रकार गुलशन कुमार मिट्ठू ने कवर किया था। जिसमें क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौजूद श्रमिक मजदूरों के द्वारा व्यवस्था के विरोध में हंगामा करने की खबर को प्रसारित किया गया था।

उसके बाद रीगा के सीओ राम उरांव ने पत्रकार पर ही प्राथमिकी दर्ज करा दिया। सीओ ने अपने प्राथमिकी के लिए आवेदन में कहा कि गुलशन कुमार मिट्ठू में मजदूरों को उकसाया और उसने गुलाबी कलर की शर्ट पहने है जबकि उस दिन गुलशन कुमार मिट्ठू ने ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहनी थी जो एक वीडियो में कैद है। बिहार में जिस प्रकार से तानाशाही रवैया से सरकार और उसके अफसर काम कर रहे हैं यह एकदम संवेदनहीन मामला है। हकीकत और बदतर स्थिति का दिखाने पर पत्रकार पर ही प्राथमिकी दर्ज कर दिया जा रहा है। वहीँ बुलाकीपुर उच्च विद्यालय क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौजूद श्रमिक मजदूरों ने व्याप्त व्यवस्था के विरोध में हंगामा करते हुए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।

इस घटना की खबर को पत्रकार द्वारा कवर किया गया और व्याप्त कुव्यवस्था की हकीकत दिखाई गई जो रीगा के सीओ राम उरांव को नागवार गुजरा और अपने पद में चूर सीओ ने हकीकत दिखाने पर पत्रकार पर प्राथमिकी दर्ज कर दिया। अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था दुरुस्त करने में अपना समय बिताना चाहिए था उस सीओ ने व्यवस्था को सुधारने के बजाय पत्रकार पर ही केस दर्ज कर लोगों को उकसाने का आरोप लगा दिया है।
