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रमेश शंकर झा
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- जिले के विभूतिपुर प्रखंड क्षेत्र के साखमोहन निवासी और बेगूसराय लोक सभा के पूर्व प्रत्याशी समाजसेवी डॉ० शंभू कुमार ने अपने आवास पर एक दिन का उपवास रखकर धरना पर बैठे। उन्होंने कहा की भगवान सरकार को सद्बुद्धी एवं बच्चों को धैर्य धारण करने की शक्ति दे, कोटा एवं अन्य स्थानों में फँसे बिहार के छात्रों एवं मजदूरों को सरकार वापस लाए। जहाँ मासूम बच्चे पढने के लिए परिवार से दूर रहकर अकेलापन महसूस करते है।
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वहीँ इस महामारी कोरोना वायरस के कारण घरों में बंद होने के कारण रो रहे हैं। बच्चों परिवार से बात करके बेसहारा के जैसे महसूस कर रहे है। जिससे बच्चों के परिवार के सभी सदस्य चिंतित है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सहानुभूति नहीं आत्मानुभूति के तौर पर देखे मासूमों का क्या हाल हो गया है,राज्य में शिक्षा एवं रोजगार की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण अभिभावकों को लाखों रू खर्च कर बाहर भेजना पडता है और मजदूर अपने परिवार को छोड़ कर प्रदेश जाते हैं। प्राचीन काल में बिहार में दो विश्व विद्यालय नालंदा एवं विक्रमशिला गौरव थे जहां विदेशों से छात्र पढने आते थे,एवं कठिन जांच परीक्षा से गुजरने के बाद नामांकन होता था आज राजनीति के तहत ऐसा हाल बना दिया गया है जो लाखों खर्च कर पढने के लिए बाहर जाना पड़ता है।यही हाल बाहर प्रदेश में फसे मजदूरों का भी हो गया है। मानवता के नाम पर इन्हें वापस लाए मासूम बच्चें एवं दिहारी मजदूर पर हठधर्मीता छोड़कर रहम करे ये बच्चे और मजदूर कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं,जब अन्य राज्य सरकार अपने प्रदेश के बच्चों को वापस ला रहे हैं तो आप क्यों नहीं, बाहर में मजदूरों को सही ढंग से सुविधा नहीं मिल रहा है, जब बिहार में ही सरकार के द्वारा हर तरह की आवश्यक सुविधा देने के बावजूद भी आम आदमी को परेशानी हो रहा है तो दूसरे प्रदेश की क्या, बहुत सारे लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है कुछ का नाम कटा हुआ है ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अभी तक कोई सुविधा नही मिला है।
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लॉक डाउन का भय एवं भारी वर्षा के कारण गेहूँ जनम गया है जिन किसानों की गेहूँ का दमाही नहीं हुआ फसल बर्बाद हो गया है वैसे किसानों को सरकार मुआवजा दे,मक्का एवं फलदार पौधे,शब्जी की फसल को नुकसान हुआ है किसान प्राकृतिक आपदा की मार कितना सहन करेंगे,राज्य में बेरोजगार युवा में योग्यता की कमी नहीं है उन्हें काम करने का अवसर प्रदान करें कल कारखाने का निर्माण हो, जिससे रोजगार मिलेगा अच्छे शिक्षण संस्थान हो जिससे प्रदेश से बाहर पढने के लिए जाना नहीं पडे,सभी लोगों से सादर निवेदन करता हूँ महामारी संकट के इस दौर में अपने घरों में रहकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश का पालन करें। जीवन बहुमुल्य है इस लाइलाज विमारी से स्वयं बचे औरों को बचाए अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा हैं, प्रशासन को मदद करें। मैं आभार व्यक्त करता हूँ।धन्यवाद के पात्र हैं मिडिया कर्मी जो संकटकाल में भी निःस्वार्थ खबर इकट्ठा कर जानकारी दे रहे हैं। चिकित्सा कर्मी प्रशासन के लोगों अपनी जान को दाव पर लगाकर जनसेवा में रात दिन एक किये हुए हैं सबके जीवन का महत्व एक जैसा ही है।
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