रमेश शंकर झा
समस्तीपुर:- लाकडाउन के कारण देश के महाराष्ट्र,गुजरात, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में रोजी- रोटी-आश्रय खो चुके बिहारी समेत अन्य मजदूरों पर लाठीचार्ज समस्या का समाधान नहीं है।इससे मामला और भी उलझेगा।सरकार को उनके लिए भोजन,आश्रय समेत अन्य सुविधा की तत्काल व्यवस्था कर बातचीत के जरीये इसका हल ढूंढना चाहिए।ये प्रतिक्रिया बुधवार को भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त की।उन्होंने कहा कि लाकडाउन के कारण देश के विभिन्न प्रदेशों में मजदूरों का काम छीन गया है।कोरोना फैलने के डर से मकान मालिक मजदूरों को अपने-अपने घरों से निकाल दिया है।आज मजदूर पूरी तरह रोजी- रोटी-आश्रय विहीन हो गये हैं।सरकार द्वारा घोषित सुविधा में भी उन्हें बाहरी होने का खामियाजा भुगतान पड़ता है। ऐसी स्थिति में उनके साथ सहानुभूति रखने,उन्हें राहत देने,
उन्हें विश्वास में लेकर उनकी समस्या सुलझाने के बजाए घर लौटने के आतुर मजदूरों पर लाठी चलाना घोर निंदनीय है।बिहार के मुख्यमंत्री को मजदूरों के हित को ध्यान में रखते हुए घर आने के इच्छुक मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था करना चाहिए एवं ठहरे रहने वाले मजदूरों को उनके लिए रोजी- रोटी-आश्रय की व्यवस्था करना चाहिए।माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने बिहार के अन्य संगठनों एवं दलों से अपील किया है कि वे भी मजदूरों के दुख की घड़ी में उनसे सहानुभूति दिखांए।उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है जब बिहार में कल-कारखानें,उधोग-धंधों का जाल बिछा कर प्रदेश का चौतरफा विकास की गति को तेज कर इसमें मजदूरों का भरपूर ईस्तेमाल करना चाहिए ताकि मजदूरों को अन्य प्रदेशों में जाकर जिल्लत भरी जिंदगी न जीना पड़े।