मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के बचाव हेतु किए जा रहे प्रबंधन पर ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों के साथ की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से संवाद किया।
हर कोरोना पीड़ितों का इलाज राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी।
कोरोना संक्रमण से निपटने में राज्य सरकार लोगों की हरसंभव सहायता करेगी।
वंदना झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में संवाद किया। वहीँ मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार में कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रारंभ से ही सरकार के द्वारा कदम उठाए गये हैं। उन्होंने कहा कि ये वायरस दुनिया भर में फैला हुआ है और ये लगातार फैलता जा रहा है। वहीँ 13 मार्च को हमलोगों ने निर्णय लिया था कि कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए क्या-क्या कदम उठाये जाने चाहिए। इसी क्रम में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ने सभी दलों के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि बजट सत्र 16 मार्च को ही समाप्त कर दिया जाए। इसी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के संबंध में भी विचार किया गया। 16 मार्च को पूरे विश्व में 1 लाख 69 हजार 387 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे। इसमें से दुनिया भर में 6,513 लोगों की मृत्यु हुई थी। आज 1 अप्रैल तक इसका प्रसार 178 देशों में हो गया है। 8 लाख 59 हजार 32 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। अब ये बढ़ कर पूरी दुनिया में मरनेवालों की संख्या 42 हजार 322 हो गई है। यानि स्थिति कितनी तेजी से बदली है। इसको लेकर हम सभी लोगों को सचेत रहना है। भारत में अब तक 1397 लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें 35 लोगों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। बिहार में आज तक का जो अपडेट है उसमें 23 लोग संक्रमित हुए हैं और एक की मृत्यु हुई है। इसको लेकर कई स्तरों पर प्रयास किया जा रहा है और सभी लोग सचेत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने 22 मार्च को ही राज्य के नगर निकायों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडलों और ब्लॉक मुख्यालयों में लॉकडाउन किया था। पूरे देश में प्रधानमंत्री द्वारा 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया था। लोगों की सुविधाओं के लिए लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने निर्णय किया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों से इसमे सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को अलग रखने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को लगाया गया है। जितने भी जनप्रतिनिधि हैं चाहे वे पंचायती राज व्यवस्था के हों या नगर निकायों के, पंच और सरपंच सभी को जिम्मेदारी दी गयी है।इन सबके प्रयासों से लोग भी अब समझने लगे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं उनकी सघन जांच की जा रही है। विदेशों से आए सभी लोगों की भी जांच हो रही है। बाहर से आने वाले लोगों के लिए हम सभी को सचेत रहना पड़ेगा लेकिन इसके साथ ही ये देखना भी जरूरी है कि उनके साथ कोई गलत व्यवहार ना हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वालों के लिए स्कूलों या फिर अन्य चिह्नित जगहों पर उनके लिए आवासन, भोजन एवं चिकित्सकीय सुविधा की सरकार की तरफ से व्यवस्था की गयी है। लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रह रहे हैं लेकिन खाद्यान्न और सब्जियों के लिए वे बाहर निकल सकते हैं। किसानों के लिए अभी कटनी का दौर है, खेतों में कटनी होगी। हमें एक दूसरे का ख्याल रखते हुए इन चीजों के बारे में लोगों को बताना चाहिए। जिनको भी थोड़ी बहुत तकलीफ है उनकी जांच करायी जानी चाहिए। बिहार में ये सभी काम हो रहे हैं। कोरोना वायरस की जांच अब बिहार में कई जगहों पर चल रही है। शुरु में इससे संबंधित कई चीजों की कमी थी लेकिन धीर-धीरे बाहर से इन चीजों की व्यवस्था की गयी है।
केंद्र सरकार का भी सहयोग लिया जा रहा है। राज्य के अंदर भी दूसरी जगहों से आए लोगों के लिए भी समुचित व्यवस्था की गयी है। कोरोना संक्रमण को भी हमलोग आपदा मान रहे हैं और इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग जरूरी कदम उठा रहा है। 2007 से ही आपदा प्रबंधन का बेहतर नेटवर्क तैयार कर कई आपदाओं में बेहतर कार्य किए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट और उससे जुड़े हुए जितने भी अस्पताल हैं, वहां चिकित्सक, नर्सेस, पारा मेडिकल स्टाफ की सहायता से कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए सहयोग लिया जा रहा है। सभी सीमावर्ती इलाकों में आपदा सीमा राहत केंद्र के जरिये बाहर से आए लोगों के लिए भोजन, आवासन एवं चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। दूसरे राज्यों के साथ भी समन्वय बनाकर वहां फंसे लोगों के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। पिछले दो तीन दिनों में काफी लोग बाहर से आये हैं। अब उनको गाँव तक पहुंचा दिया गया है। लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने इसके लिए राशि का आवंटन कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग जो दूसरे प्रांतो में फंसे हैंउनके लगातार फोन आ रहे हैं, तीन हजार से ज्यादा लोगों ने फोन किया है । पिछले चार पांच दिनों के अंदर अलग अलग राज्यों से लोगों ने मुख्यमंत्री कार्यालय, आपदा प्रबंधन विभाग एवं स्थानिक आयुक्त के पास फोनकर अपनी समस्याएं बताईं हैं। उन्होंने कहा कि लोगों से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक करीब एक लाख साठ हजार बिहार के लोग, बिहार के बाहर दूसरे प्रांतों में फंसे हुए हैं। उन सब लोगों के लिए हमलोगों ने और केंद्र ने तय किया है कि राशन कार्डधारियों को मुफ्त राशन दिया जाए। कुल एक करोड़ अढ़सठ लाख राशन कार्डधारी हैं जिसमें 85 प्रतिशत लोग ग्रामीण राशन कार्ड होल्डर हैं जबकि राशनकार्ड होल्डर 72 प्रतिशत हैं। इन सब लोगों के खाते में हमलोग राज्य सरकार की तरफ से एक हजार रुपये भेज रहे हैं। आज ही से उनके खाते में ये राशि चली जाएगी। उसी तरह से दो दिन के अंदर जो हमारे बिहार के लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं जिनकी संख्या अभी एक लाख साठ हजार के करीब बतायी जा रही है। उनके फोन नंबर पर हमलोग बातचीत कर रहे हैं। 44 टीमें बनायी गयी हैं। सब लोगों का डिटेल लेकर हमलोग अपनी तरफ से यथासंभव मदद कर रहे हैं। राज्य में जो पेंशनधारी हैं, वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेशन, वृद्धा पेंशन सबलोगों को तीन माह का पेंशन दिया जा रहा है। हमलोग छात्रों को स्कॉलरशिप भी दे रहे हैं। फरवरी, मार्च महीने में कई जगह पर वर्षापात होने से प्रभावित होने वाले जिलों को कृषि इनपुट सब्सिडी के रूप में 518 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं ताकि किसानों को राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग एक एक चीज पर नजर रखते हैं। आपको जो भी मदद की आवश्यकता होगी चिंता मत कीजिएगा, हमलोग करेंगे। हमारा आपसे आग्रह है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और लॉकडाउन में रहें। धार्मिक केंद्रों पर भीड़ इकट्ठा ना हो इसे लेकर उनके प्रतिनिधियों ने पहले ही आश्वस्त किया है। हमलोगों की जागरूकता ही हमें सुरक्षित रखेगा। ये संकट पूरी दुनिया भर में है तो इसके लिये डरने की जरूरत नहीं है। अगर हमलोग सचेत रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का निर्णय पूरे देश में किया गया है। प्रधानमंत्री के घरों में रहने की अपील का हम सबको पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आप सब लोगों के बीच अपनी बात रखने का मौका मिला इसके लिये मैं आप सब को धन्यवाद देता हूं। बिहार के बाहर के लोगों को भी सीएम रिलीफ फंड से मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री राहत कोष से सौ करोड़ रूपये उसमें दिए गए हैं। जितनी जरूरत होगी और मदद की जाएगी। जो हमारे पूरे बिहार के लोग हैं उनके लिये राज्य सरकार की तरफ से आपदा प्रबंधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग जरूरी मदद कर रहा है। चिकित्सकों, नर्सों, पारा मेडिकल स्टाफ को सुरक्षा एवं चिकित्सा संबंधी जो भी जरूरतें हैं उन्हें पूर्ण किया जा रहा है। इस आपदा की घड़ी में सभी लोग निरंतर मिलजुल कर काम कर रहे हैं। हम सब लोगों का अभिनंदन करते हैं। हम सबको मिलकर इस संक्रमण से मुकाबला करना है और लोगों की रक्षा करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है। इसमें राज्य के सभी एमएलए और एमएलसी के मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के मद से पचास लाख रूपये प्रति सदस्य डाल दिए गए हैं। उसके बाद अगर कोई सदस्य और राशि देना चाहते हैं तो वह स्वागतयोग्य है। केंद्र सरकार ने भी कई योजनाएं शुरू की हैं। हमलोग एक गरीब राज्य हैं इसके बाद भी हमलोगों के पास जो कुछ भी संसाधन है उसके माध्यम से हमलोग मदद कर रहे हैं। हम आप सब लोगों से विनम्रतापूर्वक आग्रह करते हैं कि लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरीत करें। इश समय लोगों को बतायें कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहा कि अगर फीडबैक के आधार पर और इस संक्रमण से निपटने के लिए जो जरूरी सुझाव आपके मन में आते हैं उसे जिलाधिकारी से शेयर करें ताकि आपके महत्वपूर्ण सुझावों पर अमल कर काम किया जा सके। अभी रबी फसल की कटनी का समय है। लोगों को रबी फसल की कटाई के लिए घरों से बाहर जाना पड़ रहा है। वे जायें, कार्य करें लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें। घरों से बाहर निकलें तो जरूरी सामानों जैसे खाने पीने की चीजें स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों की खरीददारी के लिए ही निकलें, अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलें। हमलोग भी कार्य के दौरान होने वाली बैठकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। हाल ही में दिल्ली से बड़ी संख्या में आए लोगों को परिवहन विभाग के माध्यम से उनके गांवों तक पहुंचाया गया है। हम सारे जिलाधिकारियों से कहेंगे कि राज्य में कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज की भी व्यवस्था रखें ताकि दूसरे मरीजों को किसी भी तरह की समस्या ना हो। आप लोग जितने जन प्रतिनिधि हैं, वे अपने इलाकों में लोगों की मदद कर रहे हैं, इसके लिये मैं आप को हृदय से धन्यवाद देता हूं। मैं आप को इस बात का आश्वासन देता हूं कि राज्य सरकार के द्वारा जो भी जरूरी मदद होगीदी जाएगी। हम इसे आपदा मान रहे हैं और जिस तरह से आपदा पीड़ितों की हम मदद करते हैं उसी तरह से इस संक्रमण से निपटने में राज्य सरकार हरसंभव सहायता करेगी।मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों से भी संवाद किया। संवाद के क्रम में जिलाधिकारियों ने जिले में कोरोन्टाइन केंद्र, आपदा राहत केंद्र, पंचायतों में बाहर से आए लोगों के लिए की गई आइसोलेशन व्यवस्था, खाद्यान्नों की व्यवस्था, साफ-सफाई की व्यवस्था, कोरोना वायरस के संक्रमण के संभावित लोगों की जांच की स्थिति की अद्यतन जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पंचायत स्तर पर जो आइसोलेशन में है उन्हें जरुरी चीजों के लिए फंड उपलब्ध कराए जा सकते हैं। पंचायत स्तर पर सफाई एवं अन्य सुविधाओं के लिए जैसे मास, सेनेटाइजर के लिए फंड उपलब्ध कराए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिलों में बिहार से बाहर फंसे हुए प्रवासियों का कॉल आता है उसे संबंधित जिलाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग को संसूचित करें।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को संबोधित किया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने रामनवमी, हनुमान जयंती, शब-ए-बारात के संबंध में सुरक्षा को लेकर पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चैधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडेय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री संजय कुमार, प्रधान सचिव पंचायती राज विभाग श्री अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव आपदा श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री अरविंद चैधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सचिव परिवहन श्री संजय अग्रवाल, सचिव खाद्य, आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण श्री पंकज कुमार पाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।