रमेश शंकर झा
पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन। नूतन चर्चा मासिक पत्रिका द्वारा श्री.ष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में आयोजकों ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री ने कुल 15 शहीदों के परिजनों को स्मृति चिन्ह, चेक एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। बिहार पुलिस के सात, सी0आर0पी0एफ0 के तीन और सी0आई0एस0एफ0 के पाॅच शहीदों के परिजनों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आयोजकों का अभिनंदन करते हुये कहा कि यह बहुत ही अच्छा काम शुरू हुआ है। 2016 से ही यह कार्यक्रम निरंतर आगे बढ़ रहा है, यह बहुत अच्छी बात है। इस कार्यक्रम का आयोजन बहुत ही बेहतर तरीके से किया गया है। ऐसे कार्यक्रमों के जरिये हम शहीदों को याद कर उनके परिजनों को सम्मानित करते हैं। शहीदों एवं उनके परिजनों के प्रति हम सभी को सदैव मन में श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। भारतीय सेना या राज्य पुलिस के जवान अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अगर शहीद हो जाते हैं तो हमें उनका स्मरण करना चाहिए।
आज महाशिवरात्रि का दिन है, बावजूद इसके शहीदों के सम्मान में बड़ी तादाद में लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं, यह प्रसन्नता की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पुलिस मुख्यालय भवन ऐसा बना है कि वैसा शायद ही देश में कहीं होगा। पुलिस मुख्यालय भवन का नाम सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम पर रखा गया है। यह ऐसा भवन बना है जो 9 रिक्टर स्केल पर भूकम्प आने पर भी नहीं गिरेगा। हमलोग जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाकर पर्यावरण प्रति भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस के शहीद जवानों का नाम पुलिस मुख्यालय भवन में लिखा गया है और आगे भी लिखा जाएगा। हम जहाँ कहीं भी जाते हैं, सी0आई0एस0एफ0 में अधिकांशतः बिहार के लोग ही देखने को मिलते हैं, इससे हमें काफी खुशी होती है। सी0आर0पी0एफ0 के बिना भी कोई काम नहीं चलने वाला है। बिहार में सी0आर0पी0एफ0 जवानों की संख्या कम न हो इसको लेकर हम केंद्र से बात करते रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के जवान जो शहीद होते है उनके सम्मान में राज्य सरकार की तरफ से पुलिस मुख्यालय भवन में या अनयत्र एक स्मारक स्थल बनाया जाएगा। इसके अलावा एक तिथि का भी निर्धारण किया जाएगा ताकि शहीदों के सम्मान में इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा सके। दानापुर कैन्टोमेंट में भी जाकर हमने देखा है, बहुत ही बेहतर ढंग से उसे बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस के जवान आशीष कुमार सिंह, विश्वा उरांव, मुकेश कुमार सिंह, प्रभाकर राज, मिथिलेश कुमार साह, मो0 फारुख आलम और मालेश्वर राम ने अपराधियों से मुठभेड़ करते हुए अपना बलिदान दिया, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को किसी भी प्रकार के सहयोग या समर्थन की जरूरत होगी तो उसे सरकार द्वारा मदद दी जायेगी। शहीदों के परिवार को जो सम्मानित करेगा, उन्हें भी सम्मान अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि शहीदों को श्रद्धा निवेदित करते हुए उनके परिवारों के प्रति हम अपना आभार प्रकट करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर कुछ लोग हमारी आलोचना करते रहते हैं। होम डिलीवरी की बात करने वाले खुद पीने के चक्कर में लगे रहते हैं इसलिए ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है, इससे बिहार की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद में एकमत से विधेयक पास हुआ और एक साथ खड़े होकर सभी ने संकल्प भी लिया लेकिन कुछ लोग इन बातों को शायद भूल चुके हैं। हमने शुरू से ही कहा है कि बिहार में पर्यटक सिर्फ शराब पीने के लिए नहीं आते हैं। शराबबंदी के बाद निरंतर हर वर्ष पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। वर्ष 2019 में 3.5 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक बिहार आये। विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 10 लाख 85 हजार के करीब हो गई है।
कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चैधरी, बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो0 हारून रसीद, उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक, विधान पार्षद श्री देवेश चन्द्र ठाकुर, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय, कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मणिकांत एवं नूतन पत्रिका के सम्पादक श्री अभिषेक कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री रामलाल खेतान, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के डी0आई0जी0 श्री डी0पी0 परिहार, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के डी0आई0जी0 श्री मो0 हसनैन सहित शहीदों के सम्मानित किये गये परिजन, बिहार पुलिस, सी0आर0पी0एफ0 एवं सी0आई0एस0एफ0 के जवान सहित देश के अन्य हिस्सों से कवि सम्मेलन में शामिल होने आये कविगण उपस्थित थे।