*दिव्यांगों की समस्याओं के लिए चलंत न्यायालय का आयोजन किया गया। हर खबर पर पैनी नजर।*

वंदना झा।

समस्तीपुर:- प्रखंड मुख्यालय डीआरसीसी जितवारपुर परिसर में शुक्रवार को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत दिव्यांगजनों की समस्याओं के निराकरण हेतु बिहार राज्य आयुक्त नि:शक्तता की अध्यक्षता में दिव्यांगों की समस्याओं के लिए चलंत न्यायालय का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन नि:शक्तता आयुक्त डॉ० शिवाजी कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा गायत्री कुमारी, बीडीओ अंजनी दत्ता एवं अध्यक्ष आदर्श विकलांग सेवा संस्थान रोसड़ा एवं बिहार विकलांग अधिकार मंच पटना के डॉ० सुनील कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान दिव्यांगों की शिकायतों, दिव्यांगों का प्रमाणीकरण सहित उनके अधिकार से संबंधित बातों के बारे में उन्हें जागरूक किया गया। वहीँ उनकी समस्याओं का निराकरण किया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निशक्तता आयुक्त डॉ० शिवाजी कुमार ने कहा कि आयोग का मकसद है कि समाज में पल बढ़ रहे निशक्त लोगों को उनका वाजिब हक मिले। इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। लेकिन जानकारी या किसी लापरवाही के कारण उन्हें उसका लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांगों की समस्याओं के निराकरण के लिए दिव्यांग चलंत न्यायालय का आयोजन किया है। जिसमें दिव्यांगों की समस्याओं का ऑनलाइन रिपोर्ट व निराकरण किया जा रहा है।

वहीँ दिव्यांगजन भी समाज के ही अंग हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने तथा उन्हें समान अवसर व अधिकार देने के लिए सरकार ने यह व्यवस्था की है। लेकिन इस सुविधा का वे हकदार तब हैं जब उनके पास दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र हो। इसलिए न्यायालय के माध्यम से एक ही छत के नीचे ऐसी व्यवस्था की गई है। यहां नि:शक्त लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के साथ प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से संबंधित विभाग व प्रमाण-पत्र के लिए चिकित्सकों का अलग-अलग काउंटर बना कर तकरीबन 925 दिव्यांगजनों की जांच कर दिव्यांगों को प्रमाण-पत्र उन्हें हाथों-हाथ दिया गया। इसके अलावे दिव्यांग जन पेंशन उपकरण पुनर्वास से संबंधित 905, भूमि विवाद से संबंधित 200, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एवं स्वरोजगार हेतु ऋण से संबंधित 205, खेलकूद से संबंधित 60,  जन वितरण प्रणाली से संबंधित 55, ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित 25, छात्रवृत्ति एवं नामांकन से संबंधित 105 एवं मुख्यमंत्री नि:शक्तजन स्वरोजगार ऋण योजना एवं शिक्षा ऋण योजना से संबंधित 155 दिव्यांगजनों के शिकायतों का निष्पादन किया गया। इससे पूर्व चलंत लोक अदालत में पंजीयन के लिए कुल 20 अलग-अलग काउंटर बनाए गए थे। वहीं दिव्यांगों के लिए सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से संबंधित विभागों का भी अलग काउंटर स्थापित किया गया। इस शिविर के मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ ए०एन० शाही,  डॉ० आर० आर० झा, डॉ० सैयद मिराज इमाम, डॉ० पी०डी० शर्मा, डॉ० पवन कुमार, हेल्थ मैनेजर विश्व्वजीत रामानंद, डॉ० राजीव तिवारी सहित जिले के अन्य चिकित्सक, सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी, पुुुलिस पदाधिकारी सहित भारी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित थे।

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