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ठाकुर वरुण कुमार
समस्तीपुर:- जिले के चकमेहसी थाना क्षेत्र के सड़कें खुद बयां करती है अपना हाल। यहां की सड़कों की बात क्या करना ऐसा नहीं है कि इस विकास सरकार में यहां की सड़कें नहीं बनी है। लेकिन कमीशन की या रंगदारी की भेंट चढ़ रही है। ऐसा यहां की सड़कें बता रही हैं, बनने के बाद 6 माह भी परिवहन व्यवस्था नहीं चल पा रही है। यहां की सड़कों की वजह से वाहन मालिकों को बहुत कुछ नुकसान सहना पड़ा है। आखिर वाहन खरीदते समय यह सड़क का टैक्स भी देते हैं, लेकिन अब यहां की जनता की मांग है कि *सड़क नहीं तो टैक्स नहीं*।
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अब सरकार बताएं कि क्या करना होगा? अगर जनता रोड पर आ जाए तो क्या होगा? यह भविष्य की गाथा है। वैसे यह चुनावी साल है, सड़कें तो बनेंगी लेकिन *चुनाव खत्म, सड़क खत्म* इसी सिद्धांत से इस विधानसभा के नेता चल रहे हैं। ना पक्ष और विपक्ष इस विषय में विचार कर रही है। वहीं अगर बात करें चकमेहसी थाना की तो कई घटनाओं में वह समय पर पहुंच नहीं सके इस कारण अपराधी जिला बदर हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि थाना को महज दो से तीन किलोमीटर जाने में 40 से 45 मिनट लग जाते हैं,
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ऐसा कोई मामला प्रकाश में आया है जो विगत कई कांडों में विदित है (जिसे विभाग भी जान रही है), अगर थाना प्रभारी कहते हैं कि 10 मिनट में आ रहे हैं तो अमूमन उन्हें आधे घंटे लग जाते हैं और जनता आक्रोश में हो जाती है नतीजा *रोड- जाम, तोड़-फोड़* । आखिर कब तक चकमेहसी थाना क्षेत्र की जनता इन अधिकारों से वंचित रहेगी? इसका दोषी कौन है? आखिर आम जनता तो अपने सही नेता को चुनती है तो फिर ऐसी अवस्था यहां की जनता की क्यों?