किसान शून्य जुताई तकनीक के माध्यम कर गेहूं की बुआई कर सकते हैं:- *डॉ० सुनीता* हर खबर पर पैनी नजर।


राजेश कुमार

बेगूसराय/खोदावंदपुर:- कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के द्वारा गेहूं का उन्नत प्रभेद एचडी 2967 बृहद पैमाने पर अग्रिम पंक्ति प्रत्येक क्षण के रूप में लगाया गया है। शीशा प्रोजेक्ट के अंतर्गत लगभग 10 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में एचडी 2967 वैरायटी का शून्य विधि तकनीक के माध्यम से डेमोंसट्रेशन किसानों के खेत पर लगा हुआ है.

शून्य जुताई से बुआई तकनीक के माध्यम से किसान भाई लागत मूल्य को कम कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ धान की कटाई के तुरंत बाद इस तकनीक के द्वारा जीरो टिलेज मशीन से गेहूं की बुनाई करने से किसानों को अतिरिक्त पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है.आज के बदलते जलवायु के परिवेश में जिस तरीके से निरंतर जलस्तर भूमिका नीचे की ओर जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में उन जगहों पर जहां पर सिंचाई की आवश्यकता को देखते हुए पानी की उपलब्धता नहीं है.

ऐसी जगह पर किसान शून्य जुताई के माध्यम से गेहूं की बुवाई कर सकते हैं.इसके प्रति हेक्टेयर लगभग 40 से 45 क्विंटल उपज प्राप्त होती है. वर्तमान समय में एचडी 2967 गेहूं के प्रभेद सफलतापूर्वक किसानों के यहां लगा हुआ है. केंद्र की वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ सुनीता कुशवाहा ने बताया की केंद्र स्तर पर एचडी 2967 गेहूं के प्रभेद जो कि बेगूसराय जिला में बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा लगाया जाता है.जिसका चयन एक सर्वे के लिए हुआ है. इसके अंतर्गत एचडी 2967 वैरायटी को किसानों के द्वारा अपनाए जाने पर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है.

केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ मुकेश कुमार ने बताया की शीशा का यह प्रोजेक्ट किसानों के लिए नवीनतम तकनीक को अंगीकृत करने के लिए चलाया जा रहा है. विगत तीन वर्षों से बेगूसराय जिला में इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत 30 किसानों के यहां इस प्रत्यक्षण को लगाया गया है. कुल 30 गांव में इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है.

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