संजीव मिश्रा
भागलपुर/सबौर:- सिल्कनगरी भागलपुर के लिए एक अच्छी खबर आयी है। जहाँ एक और 22 जनवरी को निर्भया के दरिंदे को फांसी की सजा दी जा रही है। उसी बीच भागलपुर में पॉक्सो कोर्ट ने बुधवार को सबौर थाना अंतर्गत एक नाबालिग से दुष्कर्म पर दोष सिद्ध युवक मो० दानिश को दस साल की सजा सुनाई है। वहीँ पॉक्सो जज सह एडीजे-1 विनोद कुमार तिवारी की अदालत ने राजपुर निवासी युवक पर दुष्कर्म करने पर 50 हजार बतौर अर्थदंड भी जमा करने को कहा।
अर्थदंड की राशि पीड़िता को दी जाएगी। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को बिहार प्रतिकर अधिनियम के तहत बतौर मुआवजा 3 लाख रुपए भी पीड़िता को देने को कहा। सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बहस की। ज्ञात हो कि यह मामला करीब तीन साल पुराना है। 28 अप्रैल 2017 को सबौर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोपी मो० दानिश पर आरोप लगा था कि उसने शौच करने खेत गई एक नाबालिग काे नदी किनारे ले जाकर दुष्कर्म किया। पीड़िता के चीखने-चिल्लाने पर जब कोई मदद को नहीं आया तब उसने घर पहुंचकर सारी बात परिजनों को बताई।
वहीँ मो० दानिश पर 31 मई 2017 को सबौर थाने के द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी। पॉक्सो कोर्ट ने दानिश को 8 जनवरी को ही दोषी करार दिया था। दानिश के परिजनों ने बताया कि वे पॉक्सो कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। बरहाल जो भी हो फिलाल पीड़िता व उसके परिजनों को राहत की सांस तो जरूर मिली होगी, साथ ही लोगों का न्याय पर भरोसा जरूर बढ़ा होगा।