*विधानसभा चुनाव भले ही अगले वर्ष होने हैं, लेकिन अभी से बयानबाजी शुरू है। हर खबर पर पैनी नजर।*

संजीव मिश्रा

भागलपुर/सबौर:- बिहार में विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल होने हैं लेकिन इसे लेकर अभी से ही बयानबाजी का दौर शुरू गया है । चुनाव लेकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक न्यूज चैनल से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने चुनाव में सीटों के बंटवारे से लेकर NRC पर अपनी पार्टी के स्टैंड पर बात की. सीट बंटवारे को लेकर किशोर ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी को सीटों के बंटवारे को लेकर JDU के प्रस्ताव पर जरूर विचार करना चाहिए.

मुझे लगता है कि जेडीयू को आगामी चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी से सीट बंटवारे को लेकर अनुपात 1 बटे 1.3 या 1.4 ही रहेगा. उन्होंने एनआरसी को लेकर भी अपनी पार्टी का स्टैंड साफ किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पहले ही साफ कर दिया है कि हमारी पार्टी राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेगी. उधर, सीटों के बंटवारें को लेकर प्रशांत किशोर के बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेता नितिन नवीन ने कहा कि सीट बंटवारे पर आखिरी फैसला पार्टी हाई कमान को लेना है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर इतनी बयानबाजी क्यों कर रहे हैं. बता दें कि बिहार में चुनाव को लेकर जेडीयू ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. साल 2015 में बिहार में जिस नारे के दम पर नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव जीता था इस बार उसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया है. पिछली बार नारा था, ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ इस नारे को गढ़ने में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग़ था. लेकिन जो नया बदलाव किया गया है इसमें प्रशांत किशोर का कोई हाथ नहीं है. लेकिन साल 2020 में होने वाले चुनाव को लेकर जो नारा गढ़ा गया है वह है, ‘क्यूं करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार’. अब देखने वाली बात यह होगी कि बदली परिस्थितियों में नारे कितना काम करते हैं.

लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके नीतीश कुमार ने पिछला चुनाव आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस को मिलाकर महागठबंधन के बैनर तले लड़ा था. जिसमें इन तीन पार्टियों का वोटबैंक बीजेपी पर भारी पड़ गया था. नीतीश कुमार इससे पहले एनडीए में थे लेकिन नरेंद्र मोदी को पीएम पद का चेहरा बनाए जाने पर वह नाराज हो गए और बीजेपी से नाता तोड़ लिया.
अब देखना यह है कि इस बार चुनाव बीजेपी और जदयू साथ लड़ती है या अलग ये तो आनेवाला वक्त ही तय करेगा,किंतु झारखंड में हेमंत सोरेन की ताजपोशी का असर बिहार में भी असर डालेगा।

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