*पहले पत्रकार का 9 लाख रुपया हड़पा, फर्जी अपहरण का मुकदमा दर्ज, अब जान से मारने की धमकी। हर खबर पर पैनी नजर।*

बिट्टू कुमार पटेल।

भागलपुर:- ज्ञात हो कि पूर्व में भागलपुर के इंडिया न्यूज के स्थानीय पत्रकार संजीव मिश्रा के जमीन के 9 लाख रुपये स्वर्ण व्यवसायी रवि रंजन पिता सुरेंद्र गुप्ता द्वारा हड़पा गया। पुनः स्थानीय पत्रकार के ऊपर झूठा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। जब वरीय अधिकारियों का दवाब पड़ा तो स्वर्ण व्यवसायी रवि रंजन खुद बरामद हो गया।

मुख्यअरोपी राजीव रंजन

स्थानीय कस्बा थाना प्रभारी पंकज आनंद ने दिए अपने बयान में बताया कि बसंती देवी द्वारा पत्रकार पर अपहरण का करवाया गया मुकदमा फर्जी था। पत्रकार की कहीं कोई संलिप्तता नहीं इस केस में है। वहीँ स्वर्ण व्यवसायी रवि रंजन अपने मर्जी से गायब हुआ था। अपहरण केस की अनुसंधान के दौरान जब 12/5 को कस्बा थाना प्रभारी भागलपुर आये थे तो उन्होंने पत्रकार से दो घंटे तक अंकित गेस्ट हाउस जो स्टेशन भागलपुर के पास स्थित है पुछ्ताछ की। इस दौरान रवि रंजन के बड़े भाई राजीव रंजन व रमन छोटा भाई दोनो ही थानाप्रभारी के साथ पहुचा था।

आरोपी स्वर्ण व्यवसायी रवि रंजन

हालांकि राजीव रंजन थाना प्रभारी को संजीव मिश्रा को केस उठाने का दवाब दे रहे थे, किंतु प्रभारी पंकज आनंद को मामला समझते देर नहीं लगी उन्हें समझ आ गयी कि जमीन का पैसा हड़पने की नीयत से रवि रंजन गायब हो गया है। जिस कारण पत्रकार को नहीं उठाया गया। इसी गुस्सा में आकर राजीव रंजन ने पत्रकार को धमकाया, साथ ही गाली गलौच लप्पर थप्पड़ की तथा यह भी कहा कि अपने 9 लाख को भूल जाओ। अभी तो अपहरण का केस किया है, भीतर करवा दूंगा, उससे भी नही माने तो हत्या करा दूंगा। किसी तरह वहाँ मौजूद लोगो ने पत्रकार संजीव मिश्रा को बचाया।

डरे सहमे पत्रकार ने भागलपुर न्यायलय में मुकदमा दर्ज कराया जिसका कांड संख्या 926/19 है।कोर्ट के द्वारा स्थानीय सबौर थाने को प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने का आदेश 10/06/19 को दिया गया। किंतु सबौर थाने के द्वारा आरोपी राजीव रंजन व रवि रंजन को लाभ पहुचाने के मकसद से कोई केस दर्ज नही किया गया। जब पीड़ित पत्रकार संजीव मिश्रा के द्वारा डीआईजी विकास वैभव से लिखित आवेदन कर शिकायत की गई तो तुरंत उन्होंने वरीय लाइन एंड ऑर्डर डीएसपी को अनुसंधान करने का आदेश दिया। तत्पश्चात सबौर थाने द्वारा आनन फानन में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसकी कांड संख्या 213/19 है।

जिसमें मुख्य रूप से प्राथमिकी में आरोपी राजीव रंजन, रवि रंजन, रमन रंजन, सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता व बसंती देवी को बनाया गया है। जिसमें मुख्य रूप से जो धारा लगाई गई है क्रमशः- 323/420/406/467/ 468/120(B)500/501/504/506/34 धारा लगाई गई है। यह सभी आरोपी कस्बा, झंडा चौक नगर पंचायत वार्ड संख्या13, स्वर्णकार टोला थाना कस्बा जिला पुर्णिया के रहने वाले हैं।

सबौर थाने में इस केस का अनुसंधान कर्ता अपर निरक्षक राम प्यारे रॉय को बनाया गया है। किंतु इन्होंने भी मुख्य आरोपी राजीव रंजन को लाभ पहुचाने का काम किया, जिस कारण तीन से चार महीने तक केस में कोई गवाही नहीं करवाई गई। इसमें पीड़ित पत्रकार संजीव मिश्रा का कहना है कि कई बार गवाही कराने की कोशिश की गई किंतु नहीं लिया गया साथ ही आरोपी को कभी पकड़ने की कोशश नही की। खुलेआम घूम रहे है, धमका रहे हैं। जब इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को हुई तो रामप्यारे से केस छीनकर दूसरे को अनुसंधान कर्ता जिनका नाम अपर निरक्षक सूर्यदेव पासवान को बनाया गया है। वहीँ पीड़ित पत्रकार ने जब इनसे मुलाकात की तो इन्होंने स्पस्ट कहा इस केस में जो भी आरोपी है उन्हें बक्शा नही जाएगा, साथ ही जल्द गवाही कराकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

दूसरी तरफ आरोपी राजीव रंजन के द्वारा लागातर पीड़ित पत्रकार को धमकाया जा रहा है, किसी ना किसी माध्यम से।
पीड़ित पत्रकार ने स्पस्ट कहा कि इनकी धमकियों से मैं डरने वाला नही हु अगर मेरे साथ कोई भी घटना या मेरी हत्या होती है इसकी पूरी जवाबदेही राजीव रंजन जो कि रवि रंजन के बड़े भाई है उनकी होगी। यह सारी गतिविधि की जानकारी माननीय न्यायालय को दे दी गयी है।

बरहाल खबर लिखे जाने तक किसी आरोपी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। देखना यह है कि पीड़ित पत्रकार को न्याय मिल पाता है या नहीं। बरहाल स्थानीय पुलिस पर तो कई तरह के गंभीर सवाल उठ ही रहे हैं।

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