सुधा प्रोडक्ट वर्तमान में नहीं भविष्य में चलती हैं शायद यही कारण है कि 1 अक्तूबर 2019 को बनने वाली प्रोडक्ट तीन दिन पहले ही यानि 28 सितंबर को बाजार में उपलब्ध हो गई। जरा सोचिये के किसी तरह ग्राहकों को चूना लगाया जाता है।
हैरानी की बात ये हैं कि ये सिर्फ आज की बात नहीं है। हमारे शहर में ऐसे उत्पादन खुलेआम बेचें जा रहे हैं। ज़रा सोचिए जिस उत्पाद के उपयोग की वैधता सिर्फ 5 दिन हो और उसे उत्पादन की तिथि से 3-4 पहले से ही बेचा जाए तो क्या स्थिति होगी। क्या उत्पादन की अंकित तिथि के पांचवे दिन ये उत्पाद उपयोग करने योग्य रहेगा ? ग्राहकों के स्वास्थ्य के विषय में कौन संज्ञान लेगा ?
इस कड़ी के पड़ताल में हमनें जो तथ्य पाया वो बेहद चौकाने वाला हैं। सुधा डेयरी के उसी उत्पाद को दूसरी जगह से खरीदने पर कुछ और ही पाया गया। एक डब्बे पर उत्पाद के बनाने की तारीख अंकित हैं तथा दूसरें डब्बे पर यह लिखा है कि उपर ढक्कन पर अंकित तारीख उत्पाद के उपयोग की अंतिम तारीख हैं। ऐसे में विरोधाभास उत्पन्न होना किसी गड़बड़ी या जालसाजी की तरफ इशारा करती हैं।
जिलाधिकारी महोदय को इसपर अनुसंधान कर तथ्य का पता लगाना चाहिए। हमारा उद्देश्य सच को सामने लाना तथा अगर कही गड़बड़ी है तो उसे उजागर कर प्रशासन की मदद करना है।