*गांव-गांव जाकर नाव एम्बुलेंस से दिया जा रहा कोरोना से बचाव का टीका, हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

वंदना झा,

दरभंगा:- जिले के कुशेश्वरस्थान का इलाका अधिकांशतः पानी मे डूबा रहता है। साल के सात से आठ महीना इस इलाका जलजमाव की स्थिति रहती है। लोगों का जीवन नाव पर ही बीतता है। लिहाजा कोई भी सामान्य काम कठिन हो जाता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने विपरीत परिस्थिति को दरकिनार करते हुए ‘जहां चाह वहां राह’ कहावत को चरितार्थ किया है। पानी मे नाव को सहारा लेकर लोगों को चिकित्सकीय सहायता का बीड़ा उठा लिया है। कोरोना काल मे नाव पर ही अस्पताल स्थापित किया गया है। इसमें ओपीडी के चिकित्सा सुविधा के अतिरिक्त कोरोना जांच व दवा उपलब्ध कराए जाते है। इस दौरान आपात स्थिति में मरीज़ों को अन्य अस्पताल तक पहुँचाया भी जाता है। कुल मिलाकर यह नाव बुनियादी चिकित्सा सुविधा से लैस लोगों तक चिकित्सा सुविधा पहुंचा रही है। इससे लोग लाभान्वित भी हो रहे है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह वरदान से कम नहीं है।

*नाव को बनाया एम्बुलेंस:-*
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति एवं परिस्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नाव को एम्बुलेंस बना रखा है। पीएचसी प्रशासन नाव को एम्बुलेंस की सारी सुविधा से लैस कर क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा दे रहा है। नाव के ऊपर कपड़ों आदि से कक्ष की शक्ल दी गयी है, जिसमें उपचार की सुविधा है। इस पर चिकित्सक के साथ अन्य स्वास्थ्यकर्मी तैनात रहते हैं। गांव-गांव जाकर रोगी का उपचार करते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी में मिलनेवाली प्राय: सभी सुविधा इसमें उपलब्ध है।

*एम्बुलेंस पर डॉक्टर, एएनएम व पैरामेडिकल की ड्यूटी:-*
मोटर चालित इस नाव एम्बुलेंस में चार सदस्यीय टीम की तैनात की गई है। जिसमें डॉक्टर, एएनएम व पारा मेडिकल टीम के सदस्य मुस्तैद रहते हैं। सर्दी, खांसी, बुखार सहित डायरिया आदि की दवा उपलब्ध रहती है। गंभीर मरीजों के लिए स्लाइन की भी सुविधा है। स्वास्थ प्रबंधक विनोद कुमार बताते हैं कि गंभीर मरीज को इसी एम्बुलेंस के सहारे पीएचसी तक लाया जाता है।

*कोरोना जांच की सुविधा:-*
यह नाव एम्बुलेंस कोरोना से जंग में भी महकमा का सहारा बना है। इस एम्बुलेंस से कोविड-19 से बचाव के लिए कर्मी गांव-गांव पहुंचते हैं और लोगों को टीका लगाते हैं। चिकित्सा पदधिकारी डॉ० भगवान दास बताते हैं कि मोटर बोट एंबुलेंस से प्रखंड के सभी दस पंचायत के गांव में शिविर लगाकर टीकाकरण तथा कोविड-19 का टेस्ट किया जा रहा है। अब तक 18110 हजार 110 लोगों को टीका दिया जा चुका है। वहीं 65000 हजार लोगों का अब तक कोविड टेस्ट किया गया है। प्रखंड के 10 पंचायत के 36 राजस्व गांव में 70 गांव तथा 134 वार्ड बाढ़ प्रभावित हैं। आबादी लगभग 1.42 एक लाख 42 हजार है। इसमें 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों की संख्या 80000 हजार के करीब है।

*वैक्सीनेशन अभियान को दे रहे प्राथमिकता:-*
कुशेश्वरस्थान पीएससी के हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार साह ने बताया कि पिछले 27 जुलाई से इलाके में नाव एंबुलेंस चलाया जा रहा है। इसके तहत लोगों को टीकाकृत करना मुख्य लक्ष्य है। इसके अलावा अन्य आपातकालीन सेवा के लिए भी एंबुलेंस का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना, सर्पदंश की घटना आदि होने की स्थिति में नाव एंबुलेंस का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया विभाग से दो नाव की मांग की गई थी। अभी एक नाव की आपूर्ति की गई है। इससे टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है। आगे कहा अब तक इस नाव से 13000 लोगों को कोरोना से बचाव का डोज दिया जा चुका है।

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