*जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर पर चलाया जा रहा है। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

RSJ/DESK,
मधुबनी:- परिवार नियोजन पर सामुदायिक अलख जगाने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। विगत 10 वर्षों से 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। यद्यपि देश कोरोना संक्रमण के बीच में हैं, लेकिन प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान न सिर्फ़ अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य कल्याण में भी महत्व रखता है। इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर इस प्रतिकूल परिदृश्य में पूरे माह जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर पर चलाया जा रहा है। आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी है इस वर्ष का थीम है। वहीं सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने कहा कि सीमित परिवार हर मायने में खुशहाली का प्रतीक होता है। छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है एवं उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध हो पाती है। इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के माध्यम से आम लोगों को नियोजित परिवार के विषय में संकल्पित होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जिले में 27 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा मनाया गया। जिसमें आशा द्वारा इच्छुक दंपति से संपर्क कर परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गई। वहीं 11 से 31 जुलाई तक जिले में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन होगा। जिसके तहत पंजीकृत दंपत्ति को स्थाई एवं अस्थाई साधन दिया जाएगा। इस दौरान जिला से लेकर सामुदायिक स्तर तक विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाएंगे। उन्होंने खुशहाल परिवार का मंत्र बताते हुए कहा स्वस्थ परिवार के लिए भी परिवार नियोजन के उपाय कारगर हैं। इसके लिए परिवार नियोजन के किसी भी विधि को अपनाया जा सकता है।जो सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। स्वस्थ जच्चा एवं बच्चा के लिए लड़की की शादी 18 साल बाद एवं लड़के की शादी 21 वर्ष के बाद ही करनी चाहिए। 20 साल के बाद ही महिला द्वारा गर्भधारण सुरक्षित होता है।



*परिवार नियोजन के उपायों को जानें:-*
महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है या विधि प्रसव, गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है। पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चिड-फाड़ के किया जाता है जिसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है। यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती है। इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है। कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है। कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है। कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है।

गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन के नवीन अस्थायी विधियाँ है। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहता है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।

Related posts

Leave a Comment