रमेश शंकर झा,
मधुबनी:- जिले के सदर अस्पताल सभागार में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर व नवनियुक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण जपाईगो संस्था के प्रभात ठाकुर के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पोर्टल, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर एप, एनसीडी एप, डिस्ट्रिक्ट ट्रैकिंग से संबंधित विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान एचडब्ल्यू सी पोर्टल पर प्रतिदिन डाटा अपलोड करने, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर प्रतिदिन ओपीडी का संचालन करने, सर्विस डिलीवरी रिपोर्ट अपलोड करने, प्रतिदिन योगा सत्र का आयोजन करने, ई टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा नन कम्युनिकेबल डिजीज के तहत ब्लड प्रेशर के मरीज, ग्लूकोज के मरीज, हाइपरटेंशन के मरीज, कैंसर के मरीज, डायबिटीज के मरीज, का जांच हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर सुनिश्चित करने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। विदित हो कि जिले में सक्रिय हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की संख्या 61 है।
*क्या है हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर:-*
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण स्तर पर ब्लड शुगर, बीपी,एचआईवी, टीबी, कोलेस्ट्रॉल इत्यादि 30 से ज्यादा प्रकार की जांच सुविधाएं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर होती है। इसके अलावा संबंधित बीमारियों के लिए सभी प्रकार की दवाइयां भी दी जाती हैं। उन दवाओं का किस प्रकार उपयोग किया जाए इसका भी परामर्श अस्पताल में आने वाले सभी लोगों को दिया जाता है। पहले प्राइमरी हेल्थ सेंटर में मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता था। अब उसी केंद्र को ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ के तौर पर विकसित किया गया है। इस सेंटर पर कम्यूनिकेबल और नॉन कम्यूनिकेबल दोनों तरह की बीमारियों का इलाज होता है। यह केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।
*हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खोलने का उद्देश्य:-*
हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर खोलने का मुख्य उद्देश जनमानस को सौहार्दपूर्ण वातावरण में विश्वसनीय गुणवत्तापूर्ण एवं विस्तारित प्राथमिक स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना है। केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब कमजोर एवं मध्यम वर्ग के लोगों को सभी तरह की स्वास्थ्य उपलब्ध कराई जाती है। वाहिंबग्रामीणों को समय रहते हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व कैंसर, मैटरनल हेल्थ और डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कॉन्ट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान व गले से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। गंभीर बीमारियों का लक्षण पता चलने के बाद मरीज को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। इस मौके पर जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार मंडल, डीपीसी पंकज कुमार, आदि उपस्थित थे।