*नरक निवारण चतुर्दशी पर मंदिर परिसर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित शहर के थानेश्वर मंदिर परिसर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। बतादें की आज माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी कहते हैं और इस तिथि का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है।

इस साल यह चतुर्दशी 10 फरवरी दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष विधान है। नरक निवारण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि से पहले शिव की पूजा करने की विशेष तिथि माना जाता है।

इस दिन शिव का ध्यान करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है और स्वर्ग-नरक के फेर से मुक्ति मिलती है। वहीं  शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह तय हुआ था।

इस तिथि के ठीक एक महीने बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए यह दिन खास महत्व रखता है और इस दिन को मोक्ष का द्वार भी कहा गया है। लेकिन शास्त्रों में इस दिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनको करने और न करने के बारे में बताया गया है।

जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद मिल सके। आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या न करें…नरक निवारण चतुर्दशी को बहुत पवित्र दिन माना जाता है और इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना सबसे आसान होता है।

इस दिन व्रत करने का विधान है और शिवलिंग पर बेर जरूर चढ़ाने चाहिए।

वहीं संध्याकाल के समय इस व्रत का पारण भी बेर खाकर ही करना चाहिए।

बेर का साथ-साथ आप तिल का भी प्रयोग कर सकते हैं।

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