*सरकारी तंत्र में कुहासा खत्म होने पर ही जनता का कल्याण संभव:- धीरेन्द्र कपूर। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

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समस्तीपुर:- वैश्विक महामारी के प्रभाव ने आम लोगों के जीवन के स्तर के साथ-साथ सरकारी तंत्र को भी काफी लंबे समय तक प्रभावित किया। इन दिनों कई थानों में प्रशासनिक व्यवस्था काफी सुस्ती और धीमी सी पड़ गई है। दिन प्रतिदिन देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपराध काफी तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। कई थाने में पुलिस प्रशासन को आवेदन देकर जानकारी देने के बावजूद भी कई दिनों तक टहलाते हुए सही समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जाता। जिससे दोषियों या अपराधियों पर सही समय पर कार्रवाई नहीं हो पाती तथा उसका मनोबल दिन प्रतिदिन पहले की अपेक्षा और अधिक बढ़ जाता है। जिसके वजह से कई बड़ी अनहोनी घटना को दोषियों या अपराधियों द्वारा निर्भय होकर कानून को चुनौती देते हुए अंजाम दे दिया जाता है। कई थानों में कई घटना के घटित होने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा अंतिम क्षण में कार्यवाही किया जाता है।

स्थिति अब ऐसी बन चुकी है कि कई क्षेत्रों में तो अब देश की चौथी स्तंभ अर्थात मीडिया कर्मी भी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है। इन दिनों कई अपराधियों द्वारा मीडिया कर्मियों को भी जान से मार दिया गया जो काफी दु:खद और भयावह स्थिति को दर्शा रहा है। ऐसे क्षेत्रों में होने वाली इतनी बड़ी घटना पुलिस प्रशासन के पूर्ण रूप से लापरवाही और सुस्ती होने की नीति को दर्शा रहा है। हालांकि ऐसे पुलिस प्रशासन पर अब वरीय पुलिस प्रशासन द्वारा कई जगह पर विभागीय कार्यवाही तथा बर्खास्त भी किया जा रहा है। देश की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए आज वास्तव में देश के तमाम पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त होने की काफी जरूरत है। सीसी कैमरा का मॉनिटरिंग करते हुए तमाम अपराधियों या दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ते हुए उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है। आज काफी लंबे समय से महमारी को लेकर स्वदेश निर्मित टीकाकरण की खोज हो जाने से लोगों को काफी हद तक निजात मिला जो काफी खुशी का विषय है।

लेकिन इन दिनों अब देश के विभिन्न क्षेत्रों में कुहासा छाया हुआ है जिसके वजह से ठंड का भी भयावह प्रकोप जारी है। जहां भी देखिए घर से लेकर सड़क के किनारे भी लोग अपने आप को इस ठंड के भयावह प्रकोप के प्रभाव से बचने के लिए अलाव जला रहे है। वहीं दूसरी ओर इसी ठंड के प्रकोप के दरमियान पटना के गरदनीबाग में बिहार के विभिन्न जिला के हजारों की संख्या में सीटेट और बीटेट उत्तीर्ण छात्र शिक्षक नियोजन से लेकर नियुक्ति पत्र से संबंधित अपने तमाम मामला को लेकर चार दिवसीय धरणा पर बैठे हुए हैं। एक जानकारी के मुताबिक इस धरणा को देखते हुए बिना कुछ सूचना दिए कल पुलिस प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया। जिसमें भगदड़ मचने से कई छात्र-छात्राएं घायल भी हो गए।

घायल में कई दिव्यांग छात्र-छात्राएं भी शामिल थे उन्हें भी बख्शा नहीं गया। जानकारी के मुताबिक कई छात्रों के बैग, आवश्यक सामग्री, खाने पीने की सामग्री और पंडाल को भी तितर-बितर कर दिया गया। जिसके बाद छात्रों में काफी आक्रोश देखने को मिला। कई को तो पुलिस प्रशासन द्वारा थाना पकड़ कर ले जाया गया। विभिन्न जिला के छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने अपना वक्तव्य दिया है कि इस भयावह ठंड के प्रकोप में अलाव जलाने से लोगों को सिर्फ ठंड से राहत मिलेगा।

लेकिन देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी को खत्म करने के लिए सरकारी तंत्र में जो काफी लंबे समय से कुहासा लगा हुआ है उसे जल्द से जल्द रोजगार देकर खत्म करने की जरूरत है तभी जाकर तमाम छात्रों का कल्याण तथा भविष्य निर्माण होगा और तभी जाकर राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वर्तमान में सरकार को तमाम छात्रों की समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए जल्द-से-जल्द नियोजन करते हुए शिक्षक नियुक्ति पत्र जारी करे। सरकारी तंत्र में शिक्षक नियुक्ति को लेकर कार्य काफी धीमी पड़ रही है। ऐसा लग रहा है मानो सारे नियोजन पत्र और कागजात पर बर्फ का चादर-सा बिछ गया है। विभिन्न जिला के छात्र-छात्राओं ने अपना बीएड कोर्स से लेकर वर्तमान में चल रहे समस्याओं तथा आंदोलन तक के इस सफर का दर्द और दुःखभरा अपनी तमाम दासता को जाहिर किया। छात्रों ने बताया कि उन्होंने जमीन बेचकर बीएड का कोर्स किया और सीटेट और बीटेट में सफल भी हुए।

उन्हें उम्मीद था कि जल्द-से-जल्द सरकारी नौकरी होगी। लेकिन आज स्थिति ऐसी बन चुकी है कि कई छात्र कहीं का नहीं रहा। उसके पास खेती करने के लिए भी अब जमीन नहीं रहा। साथ ही साथ उनके अभिभावक से लेकर समाज भी नौकरी न होने को लेकर ताना मार रहे हैं। इन दिनों तमाम छात्रों में बेरोजगारी की आलम व्याप्त रूप से विद्यमान है। विभिन्न जिला के छात्रों का कहना है कि छात्र देश का भविष्य है और राष्ट्र निर्माण करता है। सरकार को चाहिए कि तमाम छात्रों का जल्द-से-जल्द नियुक्ति पत्र जारी करें।

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