*9 प्रखंड के 41 जीएनएम को दिया गया प्रशिक्षण। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

मातृत्व और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की दी गयी जानकारी।

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दरभंगा:- जिले में नवनियुक्त जीएनएम को उनके संबंधित प्रखंड तथा जिला स्तर पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण अलग-अलग तिथियों में 23 सितंबर से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर को समाप्त हुआ। इस अवधि में अलग-अलग प्रखंड में 5 दिवसीय अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत जीएनएम  को डीएमटी (डिस्ट्रिक्ट मोनिट्रिंग टीम) आउटरिच का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम के तहत प्रसव के दौरान माता एवं नवजात को बेहतर ढंग से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लेबर रूम में कार्यरत नर्स को प्रशिक्षित कर उनका क्षमतावर्धन किया गया। जिसमें प्रसव की जटिलतायें, संक्रमण, रेफरल की सुविधा आदि विषयों को शामिल किया गया है। इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया। यह अपने पीएचसी में शेष एएनएम को प्रशिक्षण देंगी।

*मातृत्व और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की दी गयी जानकारी:-*
केयर इंडिया के द्वारा सभी जीएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृत्व और नवजात शिशुओं से संबंधित समस्याओं की जानकारी देना है। महिलाओं के प्रसव के समय जानकारी रहने पर एएनएम बेहतर परामर्श और देखभाल कर सकती है। आकस्मिक समस्या आ जाने पर चिकित्सकों को सूचना और सलाह के आधार पर प्रसव कराने वाली महिला की स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। सदर अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम को ट्रेंड करने के लिए केयर इंडिया के तकनीकी सहयोग से राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश में अमानत ज्योति कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल से राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। केयर इंडिया के डॉ० श्रद्धा ने कहा जीएनएम के स्किल डेवलपमेंट के मकसद से यह ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया गया है। उन्होंने अमानत ज्योति कार्यक्रम की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमानत योजना के शुरू होने से एक महीने से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में करीब सात फीसदी की कमी आई है।

*41जीएनएम को मिला प्रशिक्षण:-*
जिले के बहेरी  के 5, बहादुरपुर के 5, सिंघवारा के 5, जाले के 2, क्योटी के 5, बिरौल के 5, बेनीपुर के 8, मनिगाछी के 1 तथा घनश्यामपुर के 5 जीएनएम को पांच दिवसीय अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण लेने के बाद इन जी एन एम को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षित जीएनएम प्रखंडस्तरीय प्रशिक्षण में सभी एएनएम को ट्रेनिंग देंगी।

*क्या है अमानत कार्यक्रम:-*
वहीं सिविल सर्जन डॉ० संजीव कुमार सिन्हा ने बताया अमानत ज्योति कार्यक्रम मातृत्व एवं नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत चिकित्सकों एवं नर्सों को सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लायी जा सके।

*प्रशिक्षण का क्या होगा फायदा:-*
इस कार्यक्रम के तहत कमजोर नवजात की पहचान एवं आवश्यक देखभाल में सुधार होगा। बच्चों एवं महिलाओं में खतरे के कारणों की पहचान एवं उपचार में गुणात्मक सुधार होगा। साथ ही गर्भवती महिलाओं का नर्स एवं अस्पताल कर्मियों पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
अमानत कार्यक्रम प्रारंभ होने से अस्पताल की चिकित्सा गुणवता में सुधार होगा।
इससे अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था का सर्वांगिण विकास होगा।

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