रवि शंकर चौधरी
समस्तीपुर:- प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 दिसंबर को गीता जयंती मनाई गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार मा्घ शीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है। गीता जयंती का महत्व सनातन धर्म में बहुत ज्यादा है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। गीता महत्त्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है।
*आइए जानते हैं:-*
गीता जयंती क्यों मनाई जाती, गीता जयंती के पर्व पर हिंदू धर्म के महा ग्रंथ गीता भगवान श्री कृष्ण और वेद व्यास जी का पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में किसी भी पवित्र ग्रंथ का जन्मदिन नहीं मनाया जाता है। इसके पीछे का कारण यह बताया गया है कि अन्य ग्रंथ इंसानों द्वारा संकलित किए गए हैं। लेकिन गीता का जन्म स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के मुंह से हुआ है।
गीता जयंती का महत्व
कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीकृष्ण ने ज्ञान का पाठ पढ़ाया था। कृष्ण जी ने उन्हें सही और गलत का अंतर भी बताया था। कृष्ण जी चाहते थे कि वह सही फैसला ले पाए और जीवन का सदुपयोग कर पाए। जीवन जीने की अद्भुत कला गीता में वर्णित श्लोक में दिखाई गई है। हर परिस्थिति में धैर्य से काम लेना चाहिए यह गीता में ही सिखाया गया है। किसी तरह हर परिस्थिति में धैर्य से काम लेना चाहिए यह सिखाया गया है। इसी के चलते आज भी हजार वर्ष से गीता जयंती प्रासंगिक है। इसके जरिए श्री कृष्ण द्वारा कही गई गीता लोगों को अच्छे बुरे कर्मों का फर्क समझ आती है।
बतादे की समस्तीपुर बीए ट्रेनिंग कॉलेज हनुमान मंदिर के प्रांगण में हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के द्वारा दिवस और गीता जयंती मनाई गई। इसका संचालन नगर अध्यक्ष राजन बाबू, नगर उपाध्यक्ष विजय कुमार शर्मा, नीतीश कुमार जिला संयोजक बजरंग दल समस्तीपुर, मनोज अग्रवाल, विजय अरोड़ा, अनिल सिन्हा, अमित जी मंत्री हिंदू परिषद, अखिलेश जिला संघ संचालन, प्रमुख श्याम झा, दीनबंधु, सुशील पांडेय, राम जी, पंकज, पंडीजी, रोशन सहित सैकड़ों कार्यकर्ता की उपस्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जयंती को सफल ढंग से मनाया गया।