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पटना :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अन्तर्गत बिहपुर अंचल के गुवारीडीह में पुरातात्विक स्थल का परिभ्रमण किया। मुख्यमंत्री ने परिभ्रमण के दौरान गुवारीडीह ग्राम से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों का बारीकी से मुआयना किया। गौरतलब है कि यहां से प्राप्त अवशेष ताम्र पाषाणिक संस्.ति के हो सकते हैं।
जानकारों की मानें तो प्राचीन चम्पा एवं गुवारीडीह के बीच परस्पर किसी न किसी प्रकार के व्यापारिक व सांस्कृतिक संबंध भी रहे होंगे। इस दौरान बिहार हेरिटेज डेवेलपमेंट सोसाइटी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ0 विजय कुमार चैधरी ने अवशेषों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जानकारी के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्राप्त पुरातात्विक सामग्रियों में लोहित मृदभांड सहित, उत्तरी .ष्ण मार्जित मृदभांड संस्.ति, मौर्य एवं कुषाणकालीन संस्.ति तथा गुप्त एवं गुप्तेश्वर कालीन संस्.ति के अवशेष हैं।
उन्होंने प्रदर्शित सामग्रियों यथा टेराकोटा, ताम्रनिधि, कढ़ाई डिजाइनदार हैंडल, आभूषण, मिट्टी के मनके, ताम्र मुद्रा, मुहर, जैविक जीवाश्म, औजार, लौह धातुमल, वाट, टोटीदार घड़ा, मृदभांड, शिलालोढ़ा, त्रिकोणीय ईंट, लाल मृदभांड के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। गुवारीडीह में प्राप्त अवशेषों में उत्तरी .ष्ण मार्जित मृदभांड संस्.ति और .ष्ण लोहित मृदभांड संस्.ति की बहुलता है जो इसके ताम्र पाषाणिक संस्.ति की संभावनाओं को लक्षित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने खुदाई स्थल तथा नदी के तटीय किनारों का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक श्री शैलेन्द्र जी ने मुझे सूचना दी थी कि यहां पौराणिक चीजें मिली हैं जिनके ऐतिहासिक प्रमाण हैं। एक्सपर्ट की टीम ने भी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि यह ऐतिहासिक स्थल है। हमने तय किया था कि हम खुद इसे देखने आयेंगे। मुझे यहां आकर लगा कि वास्तव में यह एक पौराणिक और ऐतिहासिक जगह है।
यहां से मिले अवशेष 2500 वर्ष से पहले के भी हो सकते हैं। इसके बारे में सबको जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोसी नदी की धारा को डायवर्ट किया जायेगा ताकि यह पूरा इलाका सुरक्षित रह सके। खुदाई के पश्चात यहां और कई पौराणिक चीजों के होने की जानकारी मिल सकती है। इस जगह की खुदाई करके एक्सपर्ट देखेंगे कि कहां-कहां से पौराणिक चीजें मिल रही हंै। इससे यह भी पता चलेगा कि इसका क्षेत्र कहां तक फैला हुआ है। यहां से मिले अवशेषों का अध्ययन करने के बाद इस इलाके को ऐतिहासिक स्थल के रुप में विकसित किया जायेगा।
इस ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने से लोग अपने पुराने इतिहास को जान सकेंगे। यहां की पूरी जानकारी मिलने के बाद राज्य ही नहीं देश दुनिया को भी इससे अवगत कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी के कटाव को रोकने के लिए कोसी नदी की धारा को पुरानी धारा की तरफ ले जाना जरूरी है जिसे लेकर योजना तैयार कर आगे का कार्य किया जायेगा। शाहकुंड में प्रतिमा मिलने को लेकर पत्रकारों के पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां भी एक्सपर्ट को भेजा गया है।
एक्सपर्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। परिभ्रमण के दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चैधरी, सांसद अजय मंडल, विधायक इंजीनियर कुमार शैलेन्द्र, विधायक पवन कुमार यादव, पूर्व विधान पार्षद संजय सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रधान सचिव जल संसाधन चैतन्य प्रसाद, आयुक्त भागलपुर प्रमंडल वंदना किनी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार हेरिटेज डेवेलपमेंट सोसाइटी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ0 विजय कुमार चैधरी, भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार, भागलपुर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुजीत कुमार, भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती, भागलपुर की पुलिस अधीक्षक सुश्री स्वपना एम०, इतिहासकार डॉ० अविनाश कुमार सहित अन्य अधिकारीगण, अभियंतागण एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।