*पंचायत स्तर पर बनाए जाएंगे गोल्डेन कार्ड, 24 लाख लोगों का बनाया जाएगा गोल्डन कार्ड। हर खबर पर पैनी नजर।*

लाभार्थी को मिलता है 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा।

कोरोना संक्रमण के दौर में 1200 लोगों का किया गया इलाज।

जिले में योजना के लाभ के लिए पांच अस्पताल सूचीबद्ध।

रमेश शंकर झा

मधुबनी:- सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग लोगों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह संकल्पित और कटिबद्ध हैं। जिले में आयुष्मान भारत का कार्य, जिला क्रियान्वयन इकाई के क्रियाशील होने एवं पदाधिकारियों के पदस्थापन होने से पटरी पे लौटने लगा है।
विगत सितम्बर माह से जिले में गोल्डेन कार्ड बनाने का कार्य एवं योजना अन्तर्गत लाभार्थियों के ईलाज करने का कार्य तीव्र हो गया है. नतीजन राज्य में गोल्डेन कार्ड बनाने में जिला का स्थान अव्वल है। वर्तमान में सीएससी (वसुधा केंद्र) के माध्यम से गोल्डेन कार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा हैतथा जल्द ही पंचायत स्तर पर डाटा ऑपरेटर को आईडी- पासवर्ड उपलब्ध करा कर कार्ड बनाने का कार्य शुरू की जाएगी। साथ ही आयुष्मान भारत अन्तर्गत सभी सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जानेवाले लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड बनाने का कार्य सम्पादित किया जा रहा है।

कोविड-19 के दौर में 1200 से अधिक लोगों को मिला लाभ:

कोरोना संक्रमण काल में जिले के लगभग 1200 से ज्यादा लाभार्थियों को जोड़ प्रत्यारोपण, डायलिसिस, स्त्री एवं प्रसूति रोग,नवजात शिशु रोग,इमरजेंसी रूम, हड्डी रोग,पथरी का ऑपरेशन आँख के विभिन्न बीमारियों का ईलाज और ऑपरेशन, दांत के विभिन्न बीमारियों का ईलाज,क्रिटिकल केयर और कोरोना के साथ साथ जेनरल मेडिसिन और जेनरल सर्जरी पद्धति में मुफ्त उपचार आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत किया गया

क्या है आयुष्मान भारत योजना:

आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से केंद्र सरकार गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है।आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी कहा जाता है. यह योजना देश के गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देना है.

किसे मिलता है योजना का लाभ:
कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया, 2011 में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना हुआ था जिसमें पात्रता के आधार पर लाभार्थी की सूची भारत सरकार के द्वारा ही तैयार किया गया है. सुरक्षा योजना दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है. आयुष्मान भारत योजना के जो लोग लाभार्थी हैं वह सीएससी सेंटर पर जाकर कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कार्ड के पात्रता के लिए नए परिवार का नाम नहीं जुड़ सकता है, परंतु जो परिवार का नाम सूची में है और उनके यहां उनके परिवार के नए सदस्य का नाम जोड़ा जा सकता है-जैसे शादी होने के बाद पत्नी बच्चे का नाम जोड़ा जा सकता है।

जिले में 5 अस्पताल हैं सूचीबद्ध:

आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया जिले में योजना अन्तर्गत जिले के सभी सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं एवं निजी अस्पतालों में मधुबनी मेडिकल कॉलेज, क्रिप्स हॉस्पिटल, आस्था सर्जिकल, मां उग्रतारा नेत्रालय एवं हरसन हॉस्पिटल सूचीबद्ध है। राज्य स्तरीय समीक्षा में निर्देश दिया गया है कि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लाभार्थियों को मुफ्त ईलाज मुहैया करवाया जाय।

24 लाख कार्ड बनाने का है लक्ष्य:

जिले में लगभग 24 लाख लाभार्थी हैं जिनको गोल्डेन कार्ड दिया जाना है. राज्य स्तरीय निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया है कि गोल्डेन कार्ड बनाने हेतु पंचायत कार्यपालक सहायोकों को पंचायत में कैंप लगा कर लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड बनाया जाना है। जिसके लिए पत्र निर्गत कर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी से पंचायत कार्यपालक सहायकों की अद्यतन सूची जिला क्रियान्वयन इकाई (आयुष्मान भारत), मधुबनी को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। तथा स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग के समन्वय से लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड बनवाने का कार्य किया जाना है। साथ ही सीएसपी (कॉमन सर्विस सेंटर)को भी गोल्डन कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया एवं जीविका के समूह को भी ग्राम स्तर पर समूह में चर्चा कर, लोगों को जागरूक कर गोल्डन कार्ड बनवाने का निर्देश दिया है.

जनप्रतिनिधि और स्वास्थ कार्यकर्ता भी करेंगे सहयोग:

सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि गोल्डन कार्ड बनवाने से एक भी लोग वंचित नहीं रहे। इसके लिए पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि मुखिया, वार्ड सदस्य समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी सहयोग करें।साथ ही कार्ड बनाने को लेकर जागरूक करें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी और कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही कार्ड बनने के बाद इलाज में होने वाले सरकारी मदद की भी जानकारी देंगे।

गोल्डन कार्ड से कोविड-19 का भी होगा मुफ्त इलाज:

गोल्डन कार्ड से कोविड-19 का भी समुचित रूप से मुफ्त इलाज किया जाना है। शेष पूर्व की भाँति सभी सुविधाओं का भी लाभ दिया जाएगा। इसलिए एक भी लोग कार्ड बनवाने से वंचित नहीं रहें इसका कर्मियों द्वारा ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए गाँव में जागरूकता अभियान की तरह लोगों को कार्ड बनाने के लिए जागरूक किया जाएगा।

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