*केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चतुर्थं एक्सटेंशन कॉसिल की बैठक, इसका शुभारंभ कुलपति डॉ० रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- जिले के  डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में चतुर्थं एक्सटेंशन कॉसिल की बैठक का शुभारंभ  कुलपति डॉ० रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके उपरांत विश्वविद्यालय का कुलगीत गाया गया। इस  कार्यक्रम की शुरूआत में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ० एम०एस० कुंडू ने कुलपति डॉ० श्रीवास्तव को प्रसार निदेशालय की पिछले वर्षों की विभिन्न उपलब्धियों को संक्षेप में बताया। उन्होंने अध्यक्षीय भाषण में डॉ० श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र विश्वविद्यालय और किसानों की बीच की कड़ी हैं। इस विश्वविद्यालय की तकनीकों को किसानों तक पहुँचाना उनका दायित्व है। वहीं कोविड-१९ के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये गये कार्यो की कुलपति ने प्रशंसा की और कहा कि कृषि का क्षेत्र ही कोविड के दौरान भी अप्रभावित रहा है। आगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रवासी मजदूरो को प्रशिक्षित करने तथा उन्हें रोजगार मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होने उपस्थित सभी वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि भविष्य की चुनौतियों को समझे और उसी अनुरूप नई तकनीकों का विकास करें। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में कृषि का स्वरूप पूरी तरह से बदल जायेगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के लिये भी यह जरूरी है कि वह अपने को नई तकनीको से परिचित रखें तथा दुनिया में हो रहे तकनीकी बदलावों के अनुरूप अपने को विकसित करें। एक्सटेंशन कॉसिल की बैठक में जरूरी है कि हम सब पिछले वर्ष के कार्यो की समीक्षा करें और नये साल की कार्य योजना तैयार करें।

वैज्ञानिकों को किसानों के साथ लगातार संपर्क में रहना चाहिए और उनकी जरूरतों के बारे में उनसे बातचीत करनी चाहिए तभी वो जान पायेंगे कि कैसी तकनीक विकसित करनी है। वहीं डॉ० श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि अवशेषों के उपयोग को लेकर गांवों तक तकनीक का विकास करना चाहता है। इससे न सिर्फ रोजगार विकसित होगा बल्कि किसानों की आय में भी 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी तथा पर्यावरण को भी फायदा होगा। एक्सटेंशन कॉसिल की मीटिंग में विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख समेत बरीय वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस बैठक की प्रमुख कार्यवाहियों में डॉ० पुष्पा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभी आगंतुको का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस बैठक के मौके पर निदेशक कृषि डॉ० के०एम० सिंह, डॉ० ब्रजेश शाही, डॉ० एम०एन० झा, डॉ० सोमनाथ राय चौधरी, डॉ० के० के० सिंह समेत अन्य निदेशक तथा वरीय वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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