बदलते मौसम में बुजुर्गों का रखें ख्याल, कोरोना काल में और भी सतर्कता जरूरी।
रमेश शंकर झा
दरभंगा:- बदलते मौसम में बीमारियों की चपेट में आने की संभावना बनी रहती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे समय में बुजुर्गों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों हार्ट अटैक, दमा,लकवा की संभावना रहती है। खासकर कोरोना काल में और भी सतर्कता बरतनी जरूरी है। इसे लेकर पहले से बीमार बुजुर्गों की अधिक देखभाल करने की जरूरत है। उनको सही समय पर दवा एवं चिकित्सकीय परामर्श लेते रहना चाहिए। जिससे ठंड से बुजुर्ग को अधिक समस्या नहीं हो पाए।
ठंड में लकवा के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा बढ़ जाती,-
डॉ विनय ने बताया कि हर साल ठंड में लकवा के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा बढ़ जाती है। इस बीमारी में दिमाग की नसों में ब्लाक होने से खून का जमाव हो जाता है। रक्त का प्रवाह नहीं होने से रक्त नालिका से जुड़े शरीर के अन्य भाग काम करना बंद कर देते हैं। उनके अनुसार ब्रेन स्ट्रोक यानि पैरालिसिस का ठंड से सीधा संबंध है। सर्दियों में खून गाढ़ा हो जाता है। शरीर को गर्म रखने के लिए रक्तचाप भी बढ़ जाता है। वहीं ठंड के मौसम में लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए ज्यादा कैलोरीयुक्त भोजन लेने लगते हैं। इस अनुपात में शारीरिक श्रम करना बहुत आवश्यक हो जाता है ताकि हम शरीर में उत्पन्न अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल को कम कर सकें।
सर्दियों में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप पर नियंत्रण रखें,-
डॉ कुमार ने कहा कि सर्दी के मौसम में मानव शरीर में कोलेस्ट्रॉल काफी तेजी से बढ़ता है। यह बीमारी अक्सर 50 से ऊपर उम्र वालों को ही होती है। ब्रेन स्ट्रोक होने की स्थिति में व्यक्ति के शरीर के किसी भाग में अचानक कमजोरी, तुतलाना, बेहोशी या कम दिखाई देने आदि के लक्षण नजर जाते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। सर्दियों में इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को चाहिए कि वे अपने कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप पर नियंत्रण रखें। इसके साथ-साथ तनावमुक्त जीवन जीने की सलाह दी जाती है। तनाव का भी असर ब्रेन स्ट्रोक पर पड़ता है।
सर्दी की शुरुआत में बरतें अधिक सावधानी –
डॉ विनय ने बताया कि मौसम के मुताबिक लोगों के ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम में जरूरी बदलाव होने से लकवा मारने की संभावना रहती है। डायबिटीज, हृदय रोग, मिर्गी और ब्लडप्रेशर कम अथवा ज्यादा होने की बीमारी से पीड़ित मरीजों को सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या अधिक होती है।
कोरोना काल में बाहर निकलना ठीक नहीं,-
डॉ विनय ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर परिवार के सदस्यों को बुजुर्ग की अधिक देखरेख की जरूरत पड़ती है। खासकर पहले से बीमार बुजुर्गों को सही समय पर दवा व चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है, ताकि हम संक्रमण के इस दौर में एवं ठंड के समय बुजुर्गों में होने वाले किसी प्रकार की शारीरिक समस्या से बच सकें। डॉ कुमार के अनुसार संक्रमण के इस समय बुजुर्गों का बाहर जाना ठीक नहीं है। घर के ही छत या लॉन में मॉर्निंगवॉक करना उचित होगा। अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहन लें। बताया कि किसी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए वहां 24 घंटे चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध है।
कोरोना से करें बचाव,-
-हमेशा मास्क पहने
-साथ मे सैनिटाइजर रखें
-लोगों से उचित दो गज की दूरी बनायें
-सदैव कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें
-सन्देह होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें।