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समस्तीपुर:- जिले में संगठन को मजबूत बनाने और इसे व्यापक विस्तार देने की जरूरत है। स्वयंसेवी संस्था संघ आपके हर कदम पर आपके साथ खड़ा मिलेगा। बुधवार को प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद के आह्वान पर निजी विद्यालय संघ के एक दिवसीय धरना के दौरान एनजीओ संघ के सचिव संजय कुमार बबलू ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना के नाम पर विगत 9 माह से सारे विद्यालय बंद हैं। ऐसे में निजी विद्यालयों की दशा खस्ताहाल हो गई है। वहीं सरकार को न बच्चो के शिक्षा की चिंता है न ही निजी विद्यालय में कार्यरत कर्मियों की। बताते चलें कि निजी विद्यालय संघ के बैनर तले निजी विद्यालय के संचालकों ने अपने विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय सत्याग्रह धरना का आयोजन किया। इनके मांगों में विगत 9 माह से बंद विद्यालयों के अस्तित्व को बचाने के लिए आरटीई के तहत 25 प्रतिशत नामांकित बच्चे का बकाया राशि का भुगतान, बिजली के बिल की माफी, मकान किराए की माफी, बैंक ईएमआई में छूट, के साथ-साथ विशेष पैकेज एवं विद्यालयों को खोलने की अनुमति देना आदि शामिल हैं। आज प्रधान डाकघर के सामने स्थित पुरानी बस स्टैंड पर एकदिवसीय सत्याग्रह के इस अवसर पर संघ ने सर्व सहमति से निर्णय लिया कि यदि सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो हम सड़क पर उतरने को मजबूर हो जायेंगे। अपने विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि एक शिक्षक चाणक्य भी बन सकता है और द्रोण भी। इसलिए सरकार को शिक्षकों के धैर्य कि परीक्षा लेने से बचना चाहिए। निजी विद्यालय के संचालकों व कर्मियों की समस्या को भी गंभीरता से लेते हुए इसके अस्तित्व की रक्षा के लिए समुचित कदम उठाये। निजी स्कूल के निदेशक ब्रज किशोर कुमार ने कहा कि यदि सरकार हमारे बारे में नहीं सोचती है तो उसे कोई हक नहीं है कि निजी विद्यालयों पर अंकुश लगाए। वहीं स्वयंसेवी संस्था के सचिव संजय कुमार बबलू ने कहा कि सभी स्वयंसेवी संस्थान निजी विद्यालय के संग खड़े होकर सरकार से अपनी मांग को मनवाने के लिए कदम में कदम मिलाकर साथ चलेंगे, तो स्वयं सेवी आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा ने भी निजी विद्यालय के साथ अपना सहयोग बनाए रखने की बात कही। धरना के मौके पर सदन कुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार सिंह, उमेश नारायण चौधरी, जय किशन शर्मा, सुरेश कुमार, राजीव रंजन सहित विभिन्न निजी विद्यालयों के निदेशक व प्रतिनिधि शामिल हुए।