जमुई के प्रवासी श्रमिक कैलाश रविदास ने भावुक होकर कहा बिहार आकर सारा दर्द भूल गए।
वंदना झा
1.स्थान- आई0टी0 केंद्र, सिकंदरा, जमुई
मुख्यमंत्री- प्रवासी श्रमिक कैलाश रविदास से- यहां कब आए ?
कैलाश रविदास- हम 23 मई को कोलकाता से यहां आये हैं सर।
मुख्यमंत्री- वहां क्या करते थे ?
कैलाश रविदास- हम वहां 25 साल से चप्पल की फैक्ट्री में सैंडल बनाने का काम करते थे।
मुख्यमंत्री- यहां आकर कैसा लग रहा है ?
कैलाश रविदास- भावुक होते हुये, सर, यहाॅ आकर बड़ी राहत मिली है। हम यहां आकर सारा दर्द भूल गए हैं।
मुख्यमंत्री- और भी कोई बात हो तो बताएं ?
कैलाश रविदास- सर, हम दिव्यांग हैं और हमको राज्य सरकार की तरफ से दिव्यांग पेंशन की राशि मिलने से काफी राहत मिली है।
मुख्यमंत्री- आगे क्या विचार है ?
कैलाश रविदास- यहीं रोजगार दिलाएं सर, यहां से नहीं जायेंगे।
मुख्यमंत्री- चिंता मत कीजिए, आपका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
- बांका जिला (बीएन सिंह कॉलेज, भुसिया, राजौन)
मुख्यमंत्री- यहां कब आए ?
चंदन कुमार- मैं 10 मई को ही यहां आ गया हूं।
मुख्यमंत्री- कहां चले गये थे ?
चंदन कुमार- नांदेड़, महाराष्ट्र में थे।
मुख्यमंत्री- वहां से कैसे आए ?
चंदन कुमार- लॉकडाउन की वजह से वहां काफी दिक्कत हुई तो प्राइवेट गाड़ी से हमलोग यहां आए हैं।
मुख्यमंत्री- यहां रहने में कोई दिक्कत तो नहीं है, न?
चंदन कुमार- सेंटर पर सभी चीज की सुविधा है, यहां आने के बाद काफी सहुलियत हुई है।
मुख्यमंत्री- क्वारंटाइन सेंटर से जाने के बाद आगे क्या विचार है ?
चंदन कुमार- बिहार में ही रहने का मन बना चुके हैं सर।
मुख्यमंत्री- हमलोग कोशिश में हैं कि आपको कहीं बाहर जाने की नौबत न आये।
- माउंट लिट्रा जी स्कूल, जगदीशपुर, भागलपुर
मुख्यमंत्री- कहां चली गई थीं ?
प्रवासी महिला- राजस्थान के भिवाड़ी।
मुख्यमंत्री- वहां क्या काम करती थीं ?
प्रवासी महिला- यहीं से ट्रेड स्पेशिफिक हार्डवेयर ट्रेनिंग करके वहां गई थी और स्पीडोमीटर बनाने का वहां काम करती थी।
मुख्यमंत्री- यहां किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं है न ?
प्रवासी महिला- नहीं सर, अब हम यहीं रहेंगे और यहीं काम करेंगे।
मुख्यमंत्री- हमलोग भी चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग यहीं व्यवस्थित हों ताकि आपलोगों को बाहर नहीं जाना पड़े।
प्रवासी महिला – हमलोग भी यही चाहते हैं सर कि यहीं हमलोगों को रोजगार मिल जाए।
मुख्यमंत्री- घबराईये मत, बिहार में ही सभी को रोजगार मिलेगा, इसके लिये सरकार पूरी व्यवस्था कर रही है।
- उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कुरसेला, कटिहार
मुख्यमंत्री- कहां चले गए थे और कब आए ?
प्रवासी श्रमिक- दिल्ली चले गए थे, हम यहां 10 मई को ही आ गए हैं सर।
मुख्यमंत्री- वहां क्या करते थे ?
प्रवासी श्रमिक- वहां हम स्टीचिंग का काम करते थे।
मुख्यमंत्री- यहां पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है न ?
प्रवासी श्रमिक- कोई दिक्कत नहीं है सर। अब हम बिहार में ही रहकर काम करेंगे
मुख्यमंत्री- ठीक है, घबराने की जरूरत नहीं है, आपलोगों के लिए काम का इंतजाम किया जा रहा है।
- डी0ए0वी0 पब्लिक स्कूल, बक्सर
मुख्यमंत्री- कहां चले गये थे ?
प्रवासी श्रमिक- हैदराबाद में थे।
मुख्यमंत्री- वहां क्या काम करते थे ?
प्रवासी श्रमिक- वहां सीमेंट प्लांट में काम करते थे।
मुख्यमंत्री- यहां सेंटर पर कैसा लग रहा है ?
प्रवासी श्रमिक- बहुत अच्छा लग रहा है, किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री- अब तो यहीं रहकर काम करना है न ?
प्रवासी श्रमिक- जी सर, यहां अपने राज्य में आकर बहुत खुशी हो रही है। अब यहीं रहकर काम करने का मन है।
- मां कमला चंद्रिका बी0एड0 कॉलेज, नौरु, जहानाबाद जिला
मुख्यमंत्री- कहां थे ?
दीपक कुमार सिंह- बैंगलुरू।
मुख्यमंत्री- वहां क्या काम करते थे ?
दीपक कुमार सिंह- बिहार से ट्रेनिंग करके वहां गये थे और रेडिमेड गारमेंट्स की कंपनी में काम करते थे।
मुख्यमंत्री- यहां कैसा लग रहा है ?
दीपक कुमार सिंह- यहां लाने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद सर,यहां आकर बहुत खुशी हो रही है।
मुख्यमंत्री- अब आगे के लिए क्या सोच रहे हैं ?
दीपक कुमार सिंह- अब, हम यहीं रहकर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री- हम सब भी यही चाहते हैं कि आपलोग यहीं रहिए, आपलोगों के रोजगार के लिए सरकार सारी व्यवस्था कर रही है।
- डॉ0 अंबेडकर रेसिडेंसियल गल्र्स हाई स्कूल केंद्र, मुंगेर
मुख्यमंत्री- यहां कब आए ?
प्रवासी श्रमिक- 21 मई को
मुख्यमंत्री- कहां काम कर रहे थे ?
प्रवासी श्रमिक- गुड़गांव में एक्वागार्ड वाटर कंपनी में 5 वर्षों से काम करते थे।
मुख्यमंत्री- केंद्र पर आपको किसी प्रकार की कोई दिक्कत भी है ?
प्रवासी श्रमिक- यहां आने पर मेडिकल जांच हुई है। सेंटर पर खाने-पीने रहने में कोई दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री- और कुछ बताएं ?
प्रवासी श्रमिक- क्या बताएं सर, कंपनियों ने इस विषम परिस्थिति में अच्छा व्यवहार नहीं किया। इसलिए हमलोग अपने घर लौट आए।
मुख्यमंत्री- आगे क्या सोचते हैं ?
प्रवासी श्रमिकः हम यहीं रहना चाहते हैं, काम करने का मौका दिया जाए सर।
मुख्यमंत्री- आप सब यहां रहिएगा तो हमें भी अच्छा लगेगा और काम भी मिलेगा।
प्रवासी श्रमिक- हमलोग बिहार में ही रहकर इज्जत से काम करना चाहते हैं।