वंदना झा
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- राज्य में संचालित प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक कर्मी शनिवार को परिवार के सदस्यों के साथ अपने-अपने घरों में उपवास पर रहे। इसका मुख्य कारण है कि जिन 2950 माध्यमिक विद्यालय विभिन्न पंचायतों में नवमी कक्षा की पढ़ाई शुरू करने के लिए सरकार आधारभूत संरचना विहीन मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित कर रही है।
उनके 715 पंचायतों में मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित नहीं कर पहले से संचालित प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का अधिग्रहण कर नियत वेतन या मानदेय करें। महासंघ ने कहा कि राज्य सरकार 10 वर्षों से केवल शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा कर रही है लेकिन जमीन के अभाव में एक भी संस्था का निर्माण नहीं कर पा रही है।
जिसके कारण 6368 पंचायतों में हाईस्कूल के मानदंड का अनदेखी कर एक कमरा में 9 वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू करने के लिए स्कूल को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित कर रही है। जिससे 715 पंचायतों के 40 वर्षों में संचालित स्वीकृत एवं स्थापना अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय बंद हो जाएंगे।
सरकार से हमारी मांग है कि 715 पंचायतों में मध्य विद्यालयों का उत्क्रमण पूर्व से संचालित अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों का अधिग्रहण करें इसमें सरकार को इन विद्यालयों के आधारभूत संरचना सहित सभी तरह के संसाधन मिल जाएंगे। जिससे गांव में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकती है।
आपको मालूम हो कि सरकार नवमी एवं दसवीं कक्षा की पढ़ाई की व्यवस्था हर पंचायत में करना चाहती है सरकार के इस प्रयास का महासंघ स्वागत करता है, साथ ही महासंघ राज्य सरकार से निवेदन करता है की 715 पंचायतों में संचालित हो रहे पूर्व स्वीकृत एवं स्थापना अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को इस महा अभियान में शामिल कर यश के भागी बने। इसके साथ ही महासंघ सरकार को यह भी चेतावनी देना चाहती है कि अगर मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए स्वीकार नहीं किया गया तो संगठन आगे की रणनीति बनाने के लिए बाध्य होगा।
इसमें लॉकडाउन समाप्ति के उपरांत 6368 पंचायतों में गलत तरीके से मध्य विद्यालय के अधिग्रहण के खिलाफ पोल खोल अभियान शुरू करेंगे। जैसा की ज्ञात है इन मध्य विद्यालयों में बिना किसी मानक के हाई स्कूल में उत्क्रमित कर दिया गया है। इन विद्यालयों में ना तो मानक के अनुसार भूमि हैं और ना भवन,
यहां तक कि हाई स्कूल में पढ़ाई के लिए जारी प्रयोगशाला एवं लाइब्रेरी भी नदारद है। इस उपवास में शामिल हुए परशुराम उच्च विद्यालय के शिक्षक व शिक्षिका के साथ-साथ समस्तीपुर जिले के सभी वित्त रहित स्कूल में उपवास का कार्यक्रम रखा गया।