*लॉकडाउन ने गरीबों को आर्थिक तौर पर तोड़कर रख दिया:- फैयाज अहमद। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर:- कोरोना वायरस महामारी पिछले लगभग दो महीने से चल रहे लॉकडाउन ने गरीबों को आर्थिक तौर पर तोड़कर रख दिया है। वहीं भयानक भूखमरी में भारत के विभिन्न राज्यों से पैदल लौट रहे मजदूरों को डबल इंजन की सरकार ने सड़कों पर लावारिस हालात में मरने के लिए छोड़ दिया है। राजद संस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष फ़ैयाज़ अहमद ने यह बातें मंगलवार को एक बयान जारी कर कहीं।

वहीँ फ़ैयाज़ अहमद ने कहा कि अगर गरीब मजदूरों को केन्द्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार ने खाने, पीने रहने की व्यवस्था की होती, उन्हें भरोसे में लिया होता तो लाखों की संख्या में गरीब मजदूर अपने परिवार के साथ पलायन करने को मजबूर नहीं होते और न ही वह सड़कों पर भूखे प्यासे मारे-मारे फिर रहे होते। राजद संस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष के ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जो फैसला हाल फिलहाल में मजदूरों को उनके शहर तक ट्रेन से भेजने के लिए किया गया है। अगर वही लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में किया गया होता तो आज बहुत से मजदूर भाई जीवित होते, अपने घर सही सलामत पहुंचे होते। फ़ैयाज़ अहमद ने कहा रेल मंत्रालय द्वारा किराया वसूलने की घटना को बेहद शर्मनाक है।

उन्होंने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार की यह हरकत मजदूरों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है। आखिर सरकार इतनी असंवेदनशील कैसे हो सकती है। सरकार को बिना किराया वसूले उन्हें मुफ्त में उनके घरों तक पहुंचाने के बंदोबस्त करना चाहिए। उन्हें आर्थिक तौर पर खर्चे के लिए राहत पैकेज देना चाहिए अब सरकार राज्य की हो या केन्द्र की हर मोर्चे पर बिफल है। अपनी नाकामी छुपाने में लगी हुई हैं। इस आशय की जानकारी राकेश कुमार ठाकुर के द्वारा प्रेस को मिला।

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