*वीसी के माध्यम से सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क, सचिव स्वास्थ्य, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी। हर खबर पर पैनी नजर।*

वंदना झा

पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह तथा आपदा प्रबंधन विभाग के नोडल पदाधिकारी संजय सिंह ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों के साथ-साथ अद्यतन स्थिति पर मीडियाकर्मियों के साथ संवाद कर जानकारी दी। वहीँ सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मुख्य सचिव के स्तर पर भी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की भी नियमित बैठक हो रही है। सरकार के स्तर पर लिये गये निर्णयों को क्रियान्वित कराये जाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना पाॅजिटिव मरीज की संख्या बढ़ी है उससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि एक संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये हुये लोगों का यह मामला है। सरकार इस पर नजर रख रही है और जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। सूचना जन सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में जिनके पास राशन कार्ड नहीं है ऐसे परिवारों का सर्वे नगर एवं आवास विभाग के द्वारा कराया जायेगा और सर्वे के पश्चात चिन्हित परिवारों को लाभ दिया जायेगा। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि लोगों को हर स्तर पर राहत देने के लिये कई कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत केन्द्रों की संख्या बढ़ायी गयी है और अब इनकी संख्या 196 हो गयी है। पहले से अधिक संख्या में लोग आपदा राहत केन्द्र पर लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी संख्या लगभग 62,291 हजार हो गयी है। क्वारंटाइन केन्द्रों की संख्या अब कम हो रही है क्योंकि जिनका क्वारंटाइन समय पूर्ण हो रहा है, वे लोग जा रहे हैं। अब स्कूल (पंचायत) स्तर पर 989 क्वारंटाइन केन्द्र कार्यरत हैं, जिसमें 8,233 लोग रह रहे हैं। इन सभी लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।


सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार के लोग जो बाहर फॅसे हुये हैं, वे लोग मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त के कार्यालय में फोन कर अपनी समस्यायें बता रहे हैं। प्राप्त फोन पर अधिकारी रोजाना लोगों से फीडबैक प्राप्त कर रहे हैं और उसके आधार पर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अब तक 86,157 काॅल/मैसेज प्राप्त हुये हैं। उनसे फीडबैक लेकर उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। लाॅकडाउन के कारण बिहार के जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फॅसे हुये हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 1,000 रूपये की राशि मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से दी जा रही है। राज्य के बाहर लाॅकडाउन में फॅसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये सहायता राशि के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत 1,000 रूपये की दर से अब तक 12 लाख 06 हजार राज्य के बाहर रह रहे बिहार के लोगों के खाते में राशी अंतरित कर दी गयी है। अब तक 17 लाख 89 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुये हैं, जरूरतमंदों के और आवेदन अभी प्राप्त हो रहे हैं। प्राप्त आवेदनों का शीघ्र निष्पादन कर राशी अंतरित करने की कार्रवाई की जा रही है। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार फाउण्डेशन के माध्यम से देश के 9 राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केन्द्र भी चलाये जा रहे हैं, जहाॅ पर लोगों को भोजन तथा राशन सामग्री भी दी जा रही है।

अब तक 9 लाख 48 हजार 755 लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार लोगों की हरसंभव मदद कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 19 पाॅजिटिव मामले आये हैं और अब कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 115 हो गयी है। कोरोना संक्रमण से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 42 लोग स्वस्थ हुये हैं। कोरोना संक्रमण से प्रभावित 15 जिलों में सीवान के 29, बेगूसराय के 9, मुॅगेर के 20, पटना के 8, गया के 5, गोपालगंज के 3, नवादा के 3, नालंदा के 28, सारण के 1, लखीसराय के 1, भागलपुर के 1, वैशाली के 1, बक्सर के 4, भोजपुर के 1 एवं रोहतास के 1 मामले हैं। अब तक कुल 11,999 सैंपल्स की जाॅच की जा चुकी है। कोरोना की जाॅच के लिये छह लैब काम कर रही है और इससे जाॅच में तेजी आयी है। कोरोना संक्रमित 15 जिलों में से अब 5 जिलों गोपालगंज, सारण, लखीसराय, भागलपुर एवं वैशाली में कोई एक्टिव केस नहीं है। राज्य के तीन अस्पतालों- एन०एम०सी०एच० पटना, ए0एन0एम0सी0एच0 गया, भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय को कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। राज्य के विभिन्न जिलों में 302 क्वारंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित किये गये हैं, जिसमें होटल सहित अन्य स्थल भी शामिल हैं। क्वारंटाइन केन्द्रों में 6,682 कमरे चिन्हित किये गये हैं। अब तक क्वारंटाइन केन्द्रों में आवासित लोगों की संख्या 693 है। पंचायत स्तर पर विद्यालयों में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर में चिकित्सकीय दल नियुक्त हैं और उनकी जाॅच की जा रही है। आइसोलेशन सेंटर में मरीजों की संख्या 71 है। कोरोना प्रभावित जिलों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायी जा रही है। विदेश से बिहार में कोई भी व्यक्ति आया है, उस गाॅव का भी पूरा सर्वेक्षण कराया जा रहा है। अब तक निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार कुल 49 लाख 63 हजार घरों का सर्वेक्षण कराया जा चुका है जिसमें ढ़ाई करोड़ की आबादी शामिल है, उनमें से 1,792 लोगों में सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण पाये गये हैं लेकिन यह आवश्यक नहीं कि वे कोरोना संक्रमित हों। इनमें 1246 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है।

वहीँ अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है। अब तक कुल 1,328 एफ०आई०आर० दर्ज की गयी है और 1,184 लोगों की गिरफ्तारियाॅ हुयी है। 33,745 वाहन जब्त किये गये हैं। अब तक इससे कुल 7 करोड़ 80 लाख 78 हजार 906 रूपये की राशी जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है।

पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 34 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी हैं और 42 लोगों की गिरफ्तारियाॅ हुयी हैं। 1,854 वाहन जब्त किये गये हैं और 43 लाख 31 हजार 100 रूपये जुर्माना वसूला गया है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदम और लाॅकडाउन का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर में पत्रकार से दुव्र्यवहार के मामले में जाॅचोपरांत 2 पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान आपराधिक घटनाओं का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है।

1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2020 के संज्ञेय अपराध के आंकड़ों का वर्ष 2019 के अप्रैल माह के समतुल्य आंकड़े से तुलना में पाया गया कि कुल संज्ञेय अपराध की घटनाओं में 26 प्रतिशत की कमी हुयी है। विशिष्ट गंभीर अपराध शीर्ष में देखा जाय तो हत्या की घटनाओं में 26 प्रतिषत की कमी, डकैती में 80 प्रतिशत की कमी, लूट में 72 प्रतिषत की कमी, गृह भेदन में 44 प्रतिशत की कमी, चोरी में 68 प्रतिशत की कमी, महिला उत्पीड़न संबंधित घटनाओं में 66 प्रतिशत की कमी, बलात्कार में 56 प्रतिशत की कमी, सामान्य अपहरण की घटनाओं में 81 प्रतिशत की कमी, अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित उत्पीड़न की घटनाओं में 17 प्रतिशत की कमी तथा सड़क दुर्घटना में 66 प्रतिशत की कमी देखी गयी है।

Related posts

Leave a Comment