मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार साढ़े पाॅच घंटे तक कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की
हमलोगों का कमिटमेंट पूरे तौर पर है, लॉकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग ही हमें कोरोना संक्रमण से बचाएगा
राशन कार्डधारियों को सड़ा चावल या खाद्यान्न की निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई हो
पटना:- एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव तथा प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिले के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।मुख्यमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी अधिकारी स्थिति की नियमित तौर पर समीक्षा कर रहे हैं और उसके क्रियान्वयन के लिए कदम उठा रहे हैं। मेरे स्तर पर भी और मुख्य सचिव के स्तर पर भी प्रतिदिन चर्चा होती है और सारी चीजों की जानकारी भी उपलब्ध रहती है। कई विभागों के साथ मैंने पहले भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। हम सबको पूरी गंभीरता से इसका पालन करना होगा। लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है, इससे हम सब सुरक्षित रह सकेंगे।मुख्यमंत्री ने अस्पताल, आइसोलेशन वार्ड, दवा, उपकरण को लेकर अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इलाज के साथ-साथ अन्य अस्पतालों को चिन्हित कर उसमें अन्य बीमारियों के इलाज की व्यवस्था करें ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर अस्पतालों के मेंटेनेस पर ध्यान देने की जरुरत है। कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए एम्बुलेंस की समुचित व्यवस्था जरुरी है लेकिन इसके साथ ही अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए भी एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बाहर से आए लोगों की नियमित जांच जरुर करें। कोरोना प्रभावित 4 जिलों में हर परिवार की जांच कराएं। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कोरोना वायरस से प्रभावित जिलों में तेजी से अभियान चल रहा है। पल्स पोलियो अभियान की तरह ही एक-एक परिवार को इसमें कवर करें। जिलों के डी0एम0 इसकी निगरानी करें। पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की भी निगरानी करें। अधिकारी वहां पर जाकर देखें कि कैसा काम हो रहा है। इसके साथ ही बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू को लेकर भी डी0एम0 के लेवल पर मॉनिटरिंग जरुरी है। मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के इलाकों में ए0ई0एस0 और गया के इलाके में जापानी इंसेफ्लाइटिस को लेकर सतर्क रहें। जे0ई0 के वैक्सिन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कालाजार के लिए भी सतर्क रहें साथ ही जानवरों में होने वाले फूट एण्ड माउथ डिजिज के संबंध में भी जरुरी कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राशन कार्डधारियों को समय पर राशन मिले इस पर ध्यान देने की जरुरत है। राशन कार्डधारियों को सड़ा चावल या खाद्यान्न की निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सभी राशन कार्डधारियों को 1 हजार रुपये मदद करने का फैसला लिया है। बिहार में 1 करोड़ 68 लाख राशन कार्डधारी हैं। उन्होंने कहा कि रिजेक्ट, त्रुटिपूर्ण और पेंडिंग राशन कार्ड पर पुनर्विचार कर जाॅचोपरांत राशन कार्ड जारी करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग जीविका समूह के माध्यम से वैसे परिवार जिनको राशन कार्ड नहीं मिल सका है, उन्हें चिन्हित करें। ऐसे चिन्हित परिवारों को सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत सहायता पहुॅचायी जायेगी और तत्पश्चात उन्हें राशन कार्ड निर्गत कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी जगहों पर आपदा राहत केंद्र चल रहे हैं, वहाॅ ड्राई मिल्क पाउडर भी उपलब्ध कराया जाय ताकि उन्हें दूध का भी लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राहत केंद्रों पर आने वाले लोगों पर पूरी नजर बनाए रखें। सीमावर्ती जिलों में वाहन चेकिंग की नियमित व्यवस्था रखें। मुख्यमंत्री ने कोटा मामले में कहा कि कुछ लोग नहीं माने और अपने यहां भी वहां से आ गए, उन्हें बॉर्डर पर नहीं रखा गया बल्कि वहां उनका टेस्ट कर उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की गई। अब कोई कहे कि कोटा में जो लोग हैं उनको फिर बुलवा लिया जाए और देश के कोने-कोने में भी जो लोग फंसे हुए हैं अगर उनकी मांग पर सभी राज्य उन्हें मंगाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा। हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से हमलोग पूर्व से जल-जीवन-हरियाली अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और मत्स्य संसाधन का काम चलता रहेगा। इसके साथ-साथ मनरेगा का काम चले और जो बाहर से भी जो मजदूर आये हैं, उनको मनरेगा से लिंक कर दिया जाए। मनरेगा के तहत एक एकड़ तक की सीमा वाले पोखर और तालाब का जीर्णोद्धार हो जाए। एक तरफ दुनिया भर में कोरोना वायरस से परेशानी है और दूसरी तरफ हमलोगों को पर्यावरण से नुकसान हो रहा है। उसके लिए भी हमलोग मदद कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर नल का जल की योजना भी चलती रहनी चाहिए। हर घर तक पक्की नाली और गली का निर्माण, शौचालय का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान एवं मनरेगा के अंतर्गत तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बाढ़ से जो तबाही हुई है, उसके बचाव के लिए जितना भी जरुरी काम है, उसे जल संसाधन विभाग के माध्यम से जल्द से जल्द पूरा करें। मॉनसून आने के पूर्व बाढ़ सुरक्षात्मक एवं कटाव निरोधक कार्यों को समय पर पूरा करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी बची हुयी पंचायतें हैं, उन सभी पंचायतों में अप्रैल महीने से 9वीं कक्षा की पढ़ाई शुरु हो जाएगी। हर पंचायत में उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय की स्थापना हो ताकि 12वीं तक हर लड़के-लड़कियों की पढ़ाई में दिक्कत न आए। मुख्यमंत्री ने वर्ग 9 एवं 10 के लिए ऑनलाईन पढ़ाई शुरु कराने का निर्देश दिया। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर के महाजन ने जानकारी दी कि डीडी, बिहार पर 20 अप्रैल से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक घंटे का स्लॉट बुक कराया गया है। 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई के लिए स्लॉट की मांग की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेंहूं की कटनी हो रही है। गेहूं की अधिप्राप्ति बहुत जरुरी है। पैक्स के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति का काम तेजी से किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाय कि किसानों को कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो फसल क्षति हुई थी उसके इनपुट का अनुदान भी हमलोगों ने दे दिया था। हमलोगों ने इसके लिए फरवरी माह में 60 करोड़ रुपये और मार्च महीने में 518 करोड़ रुपए का सैंक्शन कर दिया है। किसानों को फसल सहायता के रुप में मिलने वाली यह राशि जल्द मिले इसके लिए तेजी से कार्य करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराना है। लॉकडाउन का अनुपालन लोग नहीं करेंगे तो फिर बड़ी मुश्किल हो जाएगी। सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों के द्वारा जो अफवाहें एवं फेक न्यूज फैलायी जाती है, उसकी रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई करें। लोगों को ठीक ढंग से समझाएं कि बाजार में या कहीं जरुरी कार्य के लिए जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरुर करें। जिले के स्तर से भी एक पदाधिकारी सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व एवं लॉकडाउन में नियमों के पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए अभियान चलवाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावी जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग से अब तक सर्वे में जितनी जानकारी दी गई है उससे यह पता चलता है कि अन्य बीमारियों में भी कमी आयी है। इसे समझना होगा कि लॉकडाउन का पालन करने से न सिर्फ आप कोरोना से सुरक्षित रहेंगे बल्कि अन्य बीमारियों से भी सुरक्षित रहेंगे। कोरोना से डरना नहीं है बल्कि सचेत रहना है। लोगों को यह समझना होगा कि आप जहां हैं वहां सुरक्षित रहें। सरकार आपकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर है। कुछ दिनों की बात है धैर्य रखें। बिहार के लोग जो भी बाहर लॉकडाउन में फंसे हैं उनके खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 1000 रुपये भेजे जा रहे हैं। दूसरी ओर बिहार फाउंडेशन के माध्यम से लाॅकडाउन में फॅसे अन्य राज्यों में बिहार के लोगों को राहत केंद्रों के माध्यम से उनके भोजन और आवासन की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में भी लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप सब पूरी तत्परता तथा गंभीरता के साथ कार्य कर रहे हैं। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों से भी समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि परिस्थितियों का बेहतर ढंग से मुकाबला हो सके। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के पास जो भी बिहार के बाहर फंस लोगों की सूचनाएं आती है, जिसके आधार पर जिलाधिकारी अपने स्तर से मदद भी कर रहे हैं। उसकी नियमित सूचना आपदा प्रबंधन विभाग को दें, जिससे मुख्यालय स्तर पर भी हम सबों को जानकारी मिल सके।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह मौजूद थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।