सरकार की परिस्थितियों पर पैनी नजर, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है:- मुख्यमंत्री
धैर्य और संयम बनाये रखें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
राज्य में जरूरी सामानों की कोई कमी नहीं है, लोगों को खाद्य सामाग्री एवं जरूरी चीजें उपलब्ध होती रहेंगी।
लाॅकडाउन के कारण बिहार के बाहर फॅसे लोगों की हर सुविधाओं का ख्याल रखा जा रहा है।
वंदना झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक अणे मार्ग में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों की अद्यतन स्थिति की मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में राज्य में दवाओं, मास्क और अन्य जरूरी इक्यूपमेंट्स की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी गयी। संक्रमित लोगों के इलाज के लिये जरूरी कदम उठाये गये हैं, उनकी उचित देखभाल की जा रही है। कोरोना संदिग्धों की अधिक से अधिक टेस्टिंग करायी जा रही है। संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग तेजी से करायी जा रही है। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देष देते हुये कहा कि दवाओं, मास्क और अन्य जरूरी इक्यूपमेंट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय और यह ध्यान रखा जाय कि इसकी कमी न हो।
क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की निगरानी करते रहें और वहाँ सुव्यवस्था बनाये रखें। आपदा राहत केंद्रों पर आवासन, भोजन, चिकित्सकीय सुविधाओं पर निगाह रखें ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। बिहार के बाहर दिल्ली एवं अन्य शहरों में लोगों की मदद के लिये कैम्प चलाये जा रहे हैं, जहाॅ भोजन एवं फूड पैकेट्स उपलब्ध कराये जा रहे हैं, उसकी भी निरंतर निगरानी करते रहें और जहाँ जिस चीज की आवश्यकता हो, उसे उपलब्ध करायें। राज्य के बाहर लाॅकडाउन में फँसे बिहार के मजदूरों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये सहायता राशी के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता अन्तर्गत 1,000 रूपये की दर से 1 लाख 42 हजार 100 बिहार के लोगों के खाते में अंतरित कर दी गयी है। 3 लाख 80 हजार आवेदन अब तक प्राप्त हुये हैं और जरूरतमंदों के आवेदन आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से प्राप्त आवेदनों में से बचे हुये लोगों के साथ-साथ अन्य लाभुकों के खाते में भी शीघ्र राशी अंतरित करायें।
राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकार अधिनियम अन्तर्गत आच्छादित सभी राशन कार्डधारियों को कोरोना सहायता के रूप में एक हजार रूपये प्रति परिवार की दर से सीधे बैंक खाते में भुगतान की योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि राशी अंतरित करने की गति बढ़ायी जाय और बचे हुये लाभुकों को कम से कम समय में राशी हस्तांतरित करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि जिन राशन कार्डधारियों की आधार सीडिंग नहीं हो पायी है तथा जिनका राशन कार्ड अस्वीकृत हुआ है, निर्धारित समय सीमा के अंदर समुचित समीक्षा कर ऐसे मामलों को ससमय निष्पादित करें।
समीक्षा के क्रम में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0), बर्ड फ्लू एवं स्वाईन फ्लू पर विस्तृत चर्चा हुयी। मुख्यमंत्री ने निर्देष देते हुये कहा कि ए0ई0एस0 से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करें एवं वहाँ सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखें। साथ ही अन्य बीमारियों के इलाज के लिये भी समुचित कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च महीने में असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति के भुगतान के लिये किसानों के लिये 518.42 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं, जिसे प्रभावित किसानों के खाते में कृषि इनपुट अनुदान के रूप में राशी अंतरित किया जाय। जिन किसानों के खाते में अभी तक राशी अंतरित नहीं हो पायी है, उनके खाते में भी राशी अंतरित करने की प्रक्रिया में तेजी लायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थिति से प्रभावित लोगों को राज्य सरकार आपदा मानकर मदद कर रही है। हमलोगों का मानना है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। हर स्तर पर लोगों की सहायता के लिये सरकार पूरी तरह तत्पर है। राज्य में राशन सामाग्री की कोई कमी नहीं है। जरूरी सामानों की आपूर्ति में किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होगी। लोग जहाँ भी हैं, अपने घरों में रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें। अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। आप सबके सहयोग से ही इस महामारी से निपटने में सफलता मिलेगी। संकट की इस घड़ी में आप सब धैर्य और संयम बनाये रखें। सरकार की परिस्थितियों पर पैनी नजर है और हर जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।