वंदना झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक अणे मार्ग में कोरोना संक्रमण के लिये उठाये गये कदमों के संबंध में मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। वहीँ समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश् दिया कि जितने लोगों के राशन कार्ड के आवदेन अस्वीकृत हो गये हैं या पेंडिंग हैं उन सभी आवेदनों की पुनः समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि ऐसे राशन कार्ड जो स्वीकृत हैं और किसी कारण वष अभी तक निर्गत नहीं हो पाये हैं। उनका भी जाॅचोपरान्त शीघ्र निष्पादन सुनिष्चित किया जाय। छोटी-छोटी तकनीकी गड़बड़ियों को दूर कर आवेदनों का निष्पादन करें ताकि योग्य लाभार्थियों को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार द्वारा दी जा रही सहायता/राहत का लाभ मिल सके।
वहीँ मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आवेदनों की जाॅच के कार्य तीन दिनों के अन्दर पूर्ण कर लिये जायें ताकि आवेदकों को शीघ्र सहायता उपलब्ध हो सके। मार्च महीने में असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति के भुगतान के लिये किसानों को 518.42 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं, जिसे प्रभावित किसानों के खाते में कृषि इनपुट अनुदान के रूप में सीधे अंतरित किया जाना है। मुख्यमंत्री ने इसकी समीक्षा करते हुये निर्देश दिया कि किसानों के खाते में राशी शीघ्र अंतरित किया जाय।
लाॅकडाउन के कारण बिहार के जो लोग बाहर अन्य राज्यों में फॅसे हुये हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति एक हजार रूपये की राशी विशेष सहायता के रूप में मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा इसकी भी गहन समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों से प्राप्त आवेदनों की तेजी से जाॅच करें तथा जाॅचोपरान्त सहायता राशी आवेदकों के खाते में अंतरित की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार हर स्तर पर सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है। आप सबके सहयोग से ही इस महामारी से निपटने में सफलता मिलेगी। संकट की इस घड़ी में बिहार सरकार आप सभी के साथ है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें। अपने घरों के अंदर रहें, अनावष्यक रूप से बाहर न निकलें।