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रमेश शंकर झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण एवं लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक एक अणे मार्ग स्थित भवन में की गई। वहीँ बैठक के मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पाण्डेय, प्रधान सचिव आपदा प्रत्यय अमृत सहित अन्य वरीय अधिकारी गण उपस्थित थे। बैैठक में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्सा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉकडाउन के चलते फंसे हुये हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी।
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इसी तरह बिहार के लोग जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में काम करते हैं और वह लॉकडाउन के कारण वहां के शहरों में फंसे हुये हैं या रास्ते में हैं उनके लिये भी राज्य सरकार स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन एवं आवासन हेतु आवश्यक व्यस्था करेगी। वहीँ मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को (100) एक सौ करोड़ रूपये की राशी जारी कर दी गई है। बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिये वहीं पर आपदा राहत केन्द्र स्थापित किया जायेगा तथा इन जगहों पर व्यवस्था करने में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा जायेगा। आपदा राहत केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जायेगी जैसी अन्य आपदा पीड़ितों को की जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार के निवासी बिहार के किसी शहर में या बिहार के बाहर जहाँ भी फंसे हों वहीं पर उनकी मदद की जाएगी। बिहार में जो अन्य राज्यों के लोग फंसे हैं उनके लिये भी राज्य सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन की व्यवस्था कर रही है। किसी को भी समस्या नहीं होने दी जायेगी।