अनूप नारायण सिंह।
पटना:- राजधानी में दधीचि देह दान कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के द्वारा साईं की रसोई को पिछले 540 दिनों से पीएमसीएच में मरीजों और उनके परिजनों को लगातार भोजन उपलब्ध कराने के लिए सम्मान पत्र दिया । वहीँ बिहार की दो साहसिक महिलाओं द्वारा प्रारंभ की गई साईं की रसोई आज पटना ही नहीं पूरे बिहार और देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। बिना किसी सरकारी सहायता के आपसी जन सहयोग से यह रसोई सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। साईं की रसोई की संस्थापिका अमृता सिंह व पल्लवी सिन्हा बिहार के लिए अब जाना पहचाना नाम बन चुकी है. साईं की रसोई के साथ ही साथ उनके नाम अस्तित्व फाउंडेशन ने महावारी जैसे गंभीर विषय को लेकर पूरे बिहार में जनजागृति अभियान चलाया है।
बिहार की इन दोनों बेटियों ने बिहार के गांव-गांव और घर-घर में सिनेटरी नेपकिन के इस्तेमाल के प्रति लोगों को किया है जागरूक. साथ ही साथ बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में ₹5 में करा रही है प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को भोजन साईं की रसोई के माध्यम से .इन दोनों महिलाओं की साहसिक गाथा बाधा पर विजय से कम नही.सामाजिक तानों सरकारी और गैर सरकारी असहयोग के बावजूद अपने हौसले के दम पर इन दोनों महिलाओं ने बिहार की राजधानी पटना में जलाया है आशा का दीपक.